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नीतीश कैबिनेट के 29 मंत्रियों में से 28 मंत्री ने मारी बाजी, बिहार में सत्ता विरोधी लहर नहीं?, केवल सुमित कुमार सिंह हारे

By एस पी सिन्हा | Updated: November 15, 2025 18:38 IST

29 मंत्रियों में से 28 का जीतना बताता है कि जनता ने शासन, विकास योजनाओं और स्थिर नेतृत्व पर भरोसा जताया है।

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ठळक मुद्देजदयू-भाजपा के संयुक्त प्रदर्शन को भी मजबूत बनाते हैं।जदयू के सुमित कुमार सिंह को हार का सामना करना पड़ा।नीतिगत फैसलों में एनडीए की स्थिति को और मजबूत बना देगी।

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव में विपक्ष के द्वारा लाख एंटी इनकंबेंसी फैक्टर का दावा किया जाता रहा हो, लेकिन चुनाव परिणाम ने यह साबित कर दिया कि बिहार में प्रोइंकंबेशी फैक्टर है। चुनावी नतीजों ने नीतीश सरकार की पकड़ को एक बार फिर मजबूत साबित कर दिया है। जारी परिणामों के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट के 29 मंत्रियों में से 28 मंत्री अपनी-अपनी सीटों पर विजयी हुए हैं, जबकि केवल मंत्री सुमित कुमार सिंह को शिकस्त मिली है। यह परिणाम न सिर्फ एनडीए सरकार के प्रति जन समर्थन को दर्शाते हैं, बल्कि जदयू-भाजपा के संयुक्त प्रदर्शन को भी मजबूत बनाते हैं।

चुनाव परिणाम के अनुसार अधिकांश सीटों पर भाजपा ने दमदार जीत दर्ज की है। सोहसराय से जदयू के रत्नेश सदा, दरभंगा (सदर) से भाजपा के संजय सरावगी, जाले से भाजपा के जीवेश कुमार मिश्रा, कुढ़नी से भाजपा के केदार प्रसाद गुप्ता और साहेबगंज से भाजपा के राजू कुमार सिंह जैसे दिग्गज नेताओं ने मतदान में बढ़त बनाए रखते हुए जीत हासिल की।

इसके अतिरिक्त कई अन्य दिग्गज और वरिष्ठ नेताओं ने जीत हासिल की। इसमें सरायरंजन से जदयू के विजय कुमार चौधरी, बछवाड़ा से भाजपा के सुरेंद्र मेहता, लखीसराय से भाजपा के विजय कुमार सिन्हा, तारापुर से भाजपा के सम्राट चौधरी, फुलपरास से जदयू की शीला कुमारी मंडल, सुपौल से जदयू के बिजेंद्र प्रसाद यादव, गया टाउन से भाजपा के प्रेम कुमार, छातापुर से भाजपा के नीरज कुमार सिंह बबलू आदि शामिल रहे।  सूची के अनुसार 29 मंत्रियों में से 28 का जीतना बताता है कि जनता ने शासन, विकास योजनाओं और स्थिर नेतृत्व पर भरोसा जताया है।

अधिकतर सीटों पर एनडीए के प्रत्याशियों को निर्णायक बढ़त मिली, जहां कई मंत्रियों ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वियों को बड़े अंतर से पराजित किया। केवल चकाई सीट पर जदयू के सुमित कुमार सिंह को हार का सामना करना पड़ा, जो इस पूरे परिणाम में एकमात्र अपवाद बनकर उभरते हैं।

इस प्रचंड समर्थन से यह स्पष्ट है कि नीतीश सरकार को जनता ने एक बार फिर भरोसे का जनादेश दिया है। मंत्रियों की यह निर्णायक जीत आगामी सरकार गठन और नीतिगत फैसलों में एनडीए की स्थिति को और मजबूत बना देगी।

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