पटनाः बिहार में विमान खरीदने को लेकर गरमाई सियासत के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा के वरिष्ठ नेता व सांसद सुशील कुमार मोदी पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सुशील मोदी के बयान से कोई फर्क नहीं पड़ता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नया विमान तो सबके हित में है।
उन्होंने कहा कि समझ में नहीं आता है, ये लोग कब क्या बोलते रहते हैं। पहले यही लोग साथ में थे तो सरकार का अपना विमान होने की जरूरत बताते थे और आज जब उनकी सरकार ने विमान खरीदने का फैसला कर लिया है तो अजीब तरह का बयान दे रहें हैं। पर इनलोगों के बयान से उन्हें किसी तरह का फर्क नहीं पड़ता है।
मुख्य़मंत्री ने कहा कि ''अजब हाल है, पहले से ही कह रहा था वह, वो तो पहले से ही, आप जानते ही हैं, हमलोग पहले लिए हुए थे विमान। उसके बाद ट्रेनिंग के लिए दे दिए थे। फिर हम लोग भाड़ा पर लाए थे, आप लोग तो जानते ही हैं कि भाड़ा पर कितना बढ़िया विमान लाए थे।
उसके बाद अब देखा गया कि अपनी तरफ से विमान आ जाए तो अच्छा रहेगा। यह सबके हित में है। हमको तो आश्चर्य लगता है कि कोई कुछ बोलता है। जरा पूछ लीजिएगा कि यह लोग पहले क्या बोलते थे? सुशील मोदी पहले बोलते थे कि नया विमान खरीदाना चाहिए।
भाजपा सांसद सुशील मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश पर साधा निशाना
बिहार सरकार के द्वारा हेलिकॉप्टर और जेट विमान खरीदने के फैसले पर सूबे की सियासत गरमा गई है। इसको लेकर अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। भाजपा ने जेट विमान खरीदने पर मुख्यमंत्री नीतीश को कटघरे में खड़ा किया है।
राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा है कि 250 करोड़ का 12-सीटर जेट प्लेन और 100 करोड़ का 10-सीटर हेलीकाप्टर खरीदने का सरकार का फैसला बिहार जैसे गरीब राज्य की जनता के पैसे का खुला दुरुपयोग है। इसका जनता की सेवा से कोई लेना-देना नहीं।
सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार विपक्षी एकता के लिए देशभर में दौरा करने और प्रधानमंत्री बनने का सपना पूरा करने के लिए बिहार के खजाने पर 350 करोड़ से अधिक का बोझ जा रहे हैं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि जब नीतीश कुमार ने अपने 15 साल के शासनकाल में अब तक कोई विमान हेलीकॉप्टर नहीं खरीदा, तब क्या वे अपने उत्तराधिकारी के लिए यह खरीद करवाना चाहते हैं?
मोदी ने कहा कि जो जेट विमान खरीदा जाने वाला है, उसे बिहार के केवल चार हवाई अड्डों के रनवे पर उतारा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अब राज्य सरकारें नया विमान या हेलीकाप्टर खरीदने के बजाय इसे किराये पर लेना किफायती समझती है। विमान खरीदने पर पायलट, इंजीनियर की नियुक्ति से लेकर इसके रख-रखाव पर भारी खर्च करना पड़ता है।
मोदी ने कहा कि बिहार सरकार भी पांच साल से किराये पर ही हेलीकाप्टर ले रही है। वर्ष 2005 में राज्यपाल बूटा सिंह के समय 14.5 करोड़ रुपये में किंग एयर का जो 6-सीटर विमान खरीदा गया था, वह अब भी उड़ान के योग्य (ऑपरेशनल) है। उन्होंने कहा कि 1989 में सत्येन्द्र नारायण सिन्हा की सरकार ने 7 करोड़ की लागत से दो हेलीकाप्टर खरीदे थे।
इनमें एक हेलीकाप्टर का इंजन बदल कर उड़ान के लायक बनाया जा सकता है। इस पर मात्र 2.5 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है, लेकिन सरकार विमान-हेलीकाप्टर खरीदने के लिए 350 करोड़ से अधिक खर्च करना चाहती है। उन्होंने कहा कि हमारे समय में भी हेलीकॉप्टर खरीदने की चर्चा दो तीन बार हुई थी। लेकिन यह संभव नहीं हो सका।
मोदी ने कहा कि हेलीकॉप्टर और जेट खरीदना बड़ी बात नहीं है सबसे बड़ी बात मेंटेनेंस को लेकर है। उन्होंने कहा कि हमारा हेलीकॉप्टर इसलिए खराब हो गया क्योंकि हम मेंटेनेंस सही ढंग से नहीं कर सके। मेंटेनेंस पर काफी खर्च होता है। ऐसे में खरीदकर मेंटेन करना संभव नहीं हो पाता है।
सुशील मोदी ने कहा कि हेलीकॉप्टर खरीदने के पीछे बिहार सरकार की मंशा साफ तौर पर दिखती है। तेजस्वी यादव अब आने वाले दिनों में बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे तो ऐसे में नीतीश कुमार तेजस्वी यादव के दबाव में जेट और हेलीकॉप्टर खरीदने का फैसला कर रहे हैं।