पटना: बिहार की राजधानी पटना में 17 अप्रैल को होने वाली महागठबंधन की बैठक के दौरान सीट शेयरिंग और मुख्यमंत्री के चेहरे समेत कई मुद्दों पर चर्चा की संभावना है। राजद और कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, महागठबंधन के द्वारा चुनाव के लिए सामूहिक मुद्दों और रणनीति पर काम करने का निर्णय लिया जाएगा। सभी दल एक साझा एजेंडे के तहत चुनाव प्रचार करेंगे और हर चुनावी मंच पर सभी दलों के नेताओं की उपस्थिति सुनिश्चित होगी। बैठक में सीट बंटवारे पर भी चर्चा होगी ताकि समय रहते सीटों का तालमेल पूरा करने पर सहमति बन सके।
इस बैठक में राजद की ओर से तेजस्वी यादव, कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरू और प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार के अलावा भाकपा- माले और अन्य वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने की संभावना है। इस दौरान कांग्रेस प्रभारी और तेजस्वी यादव के बीच भी पहली बार मुलाकात संभव है। राज्य में विधानसभा चुनाव की घोषणा के पहले महागठबंधन की ओर से सीट शेयरिंग समेत अन्य रणनीति को पुख्ता रूप देने की कार्ययोजना बनाए जाने की संभावना है। बिहार विधानसभा चुनाव में एक ओर जहां राजद की ओर से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बताया जा रहा है, वहीं कांग्रेस की ओर से अब तक मुख्यमंत्री के चेहरे के नाम पर सहमति नहीं जताई गई है।
कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने पिछले दिनों कहा था कि मुख्यमंत्री के चेहरे के मुद्दे पर बाद में फैसला लिया जाएगा। वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने भी पटना में पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि महागठबंधन को बहुमत मिलने के बाद मुख्यमंत्री का नाम तय किया जाएगा। ऐसे में बिहार विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन किसके नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा इसको लेकर कांग्रेस में अलग-अलग राय दिखने लगा है।
कृष्णा अल्लावारु ने मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कहा था कि नेतृत्व का फैसला इंडिया गठबंधन की बैठक में लिया जाएगा। लेकिन उसके अगले दिन ही पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह ने दिल्ली में कहा था कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में ही बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ा जाएगा। वहीं, कांग्रेस और राजद के बीच बेहतर तालमेल की संभावना पर राजद के नेता उत्साहित दिख रहे हैं। राजद विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने बताया कि मीडिया में कांग्रेस के असंतुष्ट होने की खबर चल रही थी, लेकिन अब स्थिति स्पष्ट हो गई है।
उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि इस साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है और इसका परिणाम बहुत ही अच्छा होने वाला है। इंडिया गठबंधन का नेतृत्व तेजस्वी प्रसाद यादव करेंगे। बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस यह चाहती है कि वह 70 सीटों पर चुनाव लड़े क्योंकि 2020 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन के तहत कांग्रेस को 70 सीट दी गई थी।
हालांकि सूत्रों का कहना है कि राजद और कांग्रेस के बीच गठबंधन पर भले ही सहमति बन गई है लेकिन राह इतना आसान भी नहीं है। दो बिंदुओं पर अभी भी पेंच फंसा हुआ है। एक महागठबंधन में सीट के बंटवारे पर और दूसरा नेतृत्व के सवाल पर। राजद बिहार में बड़े भाई की भूमिका में है और उसी के नेतृत्व में चुनाव होगा यह भी स्पष्ट है। वहीं दूसरी तरफ कन्हैया कुमार को कांग्रेस ने बिहार में संगठन मजबूत करने के लिए भेजा है।
कन्हैया और तेजस्वी दोनों एक ही उम्र के राजनेता हैं। तेजस्वी यादव के साथ प्लस पॉइंट हुआ है कि वह लालू प्रसाद के पुत्र हैं और उपमुख्यमंत्री के अपने कार्यकाल में उन्होंने अपनी क्षमता साबित कर दिखाया है। ऐसे में कन्हैया को बिहार में अपनी क्षमता दिखाना होगा। हालांकि तेजस्वी यादव या राजद कन्हैया कुमार को पसंद नहीं करते हैं। यही कारण है कि उनको बेगूसराय के बदले लोकसभा का चुनाव दिल्ली से लड़ना पड़ा था। यह तमाम चीज अभी आने वाले दिनों में राजनीति में देखने को मिलेगी।