पटनाः बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के डॉ. एस सिद्धार्थ के इस्तीफे की खबर से सियासत गर्मा गई है। कहा जा रहा है कि एस सिद्धार्थ ने 17 जुलाई को ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना यानी वीआरएस के लिए आवेदन सरकार को सौंप दिया है। हालांकि एस. सिद्धार्थ ने वीआरएस के लिए आवेदन का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की कोई बात नहीं है। वीआरएस लेने की खबर बिल्कुल ही गलत है। नौकरशाह इस बार चुनावी मैदान में हो सकते है। वर्तमान में जदयू महासचिव मनीष वर्मा हैं। नालंदा जिले के किसी सीट से जदयू के प्रत्याशी हो सकते है। दिनेश राय की चर्चा है। रोहतास जिले के करगहर विधानसभा सीट से प्रत्याशी हो सकते हैं। एस सिद्धार्थ भी उतर सकते हैं। नवादा या गया जिले के किसी रिजर्व सीट से प्रत्याशी हो सकते हैं।
एस. सिद्धार्थ ने कहा कि मीडिया में जो खबरें चल रही हैं, वो सिर्फ टीआरपी लेने के लिए है। इस बीच एस. सिद्धार्थ आज विधानसभा पहुंचे, जहां उन्होंने ऑफिसर्स लॉबी में बैठकर सदन की कार्यवाही को देखा। बता दें कि मीडिया में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि एस सिद्धार्थ ने निजी कारणों का हवाला देते हुए वीआरएस के लिए आवेदन दिया है।
सोशल मीडिया में बड़ी तेजी से खबर फैली है कि एस. सिद्धार्थ ने वीआरएस के लिए आवेदन दिया है। एस. सिद्धार्थ के इस्तीफे की खबर से सियासी गलियारे में भी चर्चा तेज है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि एस. सिद्धार्थ नवादा या गया जिले के किसी सुरक्षित विधानसभा सीट से बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं।
बताया जा रहा कि वे जदयू से टिकट मिलने के बाद वह विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा सकते हैं। वहीं, एस. सिद्धार्थ को लेकर राजद विधायक भाई बीरेंद्र ने कहा कि वे एक 'धन कुबेर' अधिकारी हैं और अब राजनीति में आने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वह पैसा के बल पर चुनाव लड़ना चाहते हैं।
अगर ऐसा होता है, तो जनता ऐसे लोगों को कभी स्वीकार नहीं करेगी। बताया जाता है कि एस. सिद्धार्थ ने 17 जुलाई को अपना वीआरएस आवेदन सरकार को सौंप दिया है, जो अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास विचाराधीन है। मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
एस सिद्धार्थ का अगर इस्तीफा मंजूर नहीं होता है तो उन्हें नवंबर 2025 तक इंतजार करना होगा या फिर कैट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा। एस. सिद्धार्थ 30 नवंबर 2025 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। बता दें कि तमिलनाडु के रहने वाले 1991 बैच के आईएएस अधिकारी एस सिद्धार्थ फिलहाल शिक्षा विभाग के एसीएस, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, वायुयान निदेशालय के निदेशक,एल एन मिश्रा इंस्टीट्यूट के निदेशक हैं। उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का करीबी अधिकारियों में से गिना जाता है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी दो आईएएस अधिकारी अभी तक नौकरी से इस्तीफा दे चुके हैं। दोनों चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। पिछले 15 दिनों में एस सिद्धार्थ दूसरे आईएएस अधिकारी हैं, जिन्होंने वीआरएस लिया है। इससे पहले दिनेश कुमार राय ने 13 जून को इस्तीफा दिया था। उन्होंने सरकार को अपना वीआरएस आवेदन सौंप दिया है। मुख्यमंत्री सचिवालय के अनुसार, उनका इस्तीफा नीतीश कुमार तक पहुंच गया है। उनके इस्तीफे के बाद, वह रोहतास जिले से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।