पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव का शंखनाद होते ही दल बदल का खेल तेज होता जा रहा है। इसी कड़ी में जदयू के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने पार्टी से इस्तीफा देते हुए राजद का दामन थाम लिया। तेजस्वी यादव से मिलकर उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। दरअसल, 10 अक्टूबर से पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया शुरु हो जाएगी। वहीं जदयू को छोड़ते हुए उन्होंने पार्टी पर गंभीर आरोप लगाया है। लक्ष्मेश्वर राय फिलहाल जदयू के अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे। वहीं उन्होंने आज पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
चुनाव से पहले यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। लक्ष्मेश्वर राय ने कहा कि जदयू अपने उद्देश्य से भटक गया है। मुख्यमंत्री नीतीश का जो रूपरेखा था अति पिछड़ा का अब वो नहीं रहा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथ में कुछ नहीं है। पार्टी का पूरा स्वामित्व अब एक आदमी के हाथ में हैं वो हैं संजय झा। केवल संजय झा का चलता है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बातों का महत्व नहीं है। उन्होंने कहा कि हम तेजस्वी के साथ आए हैं क्योंकि तेजस्वी में वो बात है वो अति पिछड़ों के लिए काम करेंगे। बता दें कि लक्ष्मेश्वर राय गरीब किसान परिवार से आते हैं। ये मधुबनी जिले के लदनियां प्रखंड के ठाढी गांव के रहने वाले हैं, जो बाबूबरही विधानसभा के क्षेत्र के अंतर्गत है।
लक्ष्मेश्वर राय वर्ष 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में जदयू के टिकट पर लौकहा विधानसभा क्षेत्र से पहली बार चुनाव लड़ा और विधायक चुने गए। इन्होंने भाजपा प्रत्याशी प्रमोद प्रियदर्शी को पराजित किया था। जिसके बाद उन्हें आपदा प्रबंधन विभाग मिला।
जानकारी अनुसार 2006 में हुए त्रिस्तरीय पंचायत आम चुनाव में लक्ष्मेश्वर लदनियां प्रखंड स्थित जिला परिषद क्षेत्र संख्या-19 से जिला पार्षद बनने के लिए चुनाव लड़े, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। लेकिन इसी क्षेत्र से 2011 के चुनाव में जिला पार्षद चुने जाने में सफल रहे। जिला पार्षद पद पर रहते हुए 2015 में लौकहा से विधान सभा चुनाव लड़े और विजयी हुए। इसके बाद जिला पार्षद के पद से इस्तीफा दे दिया।