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प्रत्याशियों से वन-टू-वन मुलाकात करेंगे नीतीश कुमार?, दशहरा के बाद जीतने वाले चेहरों पर दांव लगाएंगे मुख्यमंत्री

By एस पी सिन्हा | Updated: September 30, 2025 16:36 IST

महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार योजनाओं पर भी उम्मीदवारों का मूल्यांकन होगा। नीतीश कुमार की पहल को बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।

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ठळक मुद्देमुलाकातें न केवल उनकी राजनीतिक पकड़ को जांचने का मौका देंगी।सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में कितनी भूमिका निभाई है।उम्मीदवारों का चयन मुख्य रूप से संगठन और स्थानीय समीकरणों के आधार पर होता था।

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव को देखते जदयू ने उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया को नया रूप देने की तैयारी शुरू कर दी है। इस बार पार्टी ने उम्मीदवार तय करने का जिम्मा सिर्फ संगठन या कोर कमेटी पर नहीं छोड़ा है, बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद मैदान में उतरकर वन-टू-वन मुलाकात के जरिए प्रत्याशियों को परखेंगे। यह कवायद दशहरा के बाद जदयू प्रदेश कार्यालय से शुरू होगी। जदयू सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री टिकट चाहने वाले संभावित उम्मीदवारों और वर्तमान विधायकों से सीधे बातचीत करेंगे। यह मुलाकातें न केवल उनकी राजनीतिक पकड़ को जांचने का मौका देंगी।

बल्कि यह भी तय करेंगी कि उन्होंने सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में कितनी भूमिका निभाई है। इस बार सरकार के महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार योजनाओं पर भी उम्मीदवारों का मूल्यांकन होगा। नीतीश कुमार की इस पहल को पार्टी के अंदर बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।

अब तक उम्मीदवारों का चयन मुख्य रूप से संगठन और स्थानीय समीकरणों के आधार पर होता था। लेकिन इस बार मुख्यमंत्री की सीधी छानबीन से यह स्पष्ट है कि जदयू केवल जीतने वाले चेहरों पर दांव लगाना चाहती है। जानकारों का कहना है कि नीतीश कुमार की यह रणनीति विपक्ष को चुनौती देने के लिए भी है।

राजद और भाजपा जहां पहले से ही अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने में जुटे हैं, वहीं जदयू व्यक्तिगत स्तर पर उम्मीदवारों को कसौटी पर कसकर टिकट बांटने की तैयारी कर रहा है। सूत्रों का यह भी मानना है कि यह प्रक्रिया दो से तीन दिनों तक चलेगी और रोजाना सुबह से देर शाम तक मुलाकातें होंगी।

पार्टी दफ्तर से जिन उम्मीदवारों को बुलाया जाएगा, उन्हें पहले से सूचना दे दी जाएगी। जानकारों का कहना है कि यह रणनीति जदयू के लिए दोहरा फायदा ला सकती है एक ओर पार्टी के भीतर कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा क्योंकि खुद मुख्यमंत्री उनकी राय और कामकाज को महत्व दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जनता के बीच यह संदेश जाएगा कि पार्टी टिकट बांटने में पारदर्शिता अपना रही है।

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