कांग्रेस ने दिल्ली से ‘रणनीतिक रणभेरी’ बजा दी?, नेतृत्व और चेहरे पर दांव, पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव को जगह
By एस पी सिन्हा | Updated: July 15, 2025 18:09 IST2025-07-15T18:03:35+5:302025-07-15T18:09:04+5:30
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि अब समय बहुत कम बचा है। संगठन के हर नेता और कार्यकर्ता को अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना होगा।

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पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने दिल्ली से ‘रणनीतिक रणभेरी’ बजा दी है। सोमवार देर रात कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की अध्यक्षता में हुई इस उच्चस्तरीय बैठक में बिहार कांग्रेस के नेताओं के साथ चुनावी रणनीति को लेकर चर्चा की गई। बैठक में कांग्रेस आलाकमान ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि चुनावी मुद्दे जनता के रोजमर्रा के जीवन से जुड़ने चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि अब समय बहुत कम बचा है। संगठन के हर नेता और कार्यकर्ता को अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना होगा।
हमारा लक्ष्य केवल चुनाव लड़ना ही नहीं बल्कि जीत सुनिश्चित करना होना चाहिए। इस अहम बैठक में प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और एआईसीसी प्रभारी कृष्णा अल्लावारू ने अब तक की तैयारियों की रिपोर्ट, संभावित उम्मीदवारों के आवेदन और सीटों के चयन से जुड़ी जानकारी भी पेश की। बैठक में घोषणा पत्र समिति के गठन, जल्द प्रचार शुरू करने और गठबंधन सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे की प्रक्रिया को तेज करने पर सर्वसम्मति बनी।राजेश राम ने साफ कहा कि “गठबंधन में कोई भ्रम नहीं, महागठबंधन एकजुट है और पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगा।”
वहीं, इस बैठक में पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव को भी जगह दी गई। पहली बार कांग्रेस की रणनीतिक बैठक में उनकी मौजूदगी ने साफ कर दिया कि पप्पू अब ‘परिधि’ पर नहीं, ‘परिसर’ के भीतर हैं। साथ ही यह भी संकेत मिल रहा है कि कांग्रेस पप्पू को एक बड़ी भूमिका देने के मूड में है। लेकिन असली सियासी भूचाल लाया पप्पू यादव का बयान।
उन्होंने दो टूक कहा कि“राहुल गांधी हमारे नेता हैं, पार्टी जो जिम्मेदारी देगी, उसे एक सिपाही की तरह निभाऊंगा।”इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी जोड़ दिया कि कांग्रेस के पास मुख्यमंत्री पद के लिए कई चेहरे हैं, जिनमें खुद राजेश राम और सांसद तारिक अनवर के नाम गिनाए। सूत्रों के अनुसार, बैठक के बाद पप्पू यादव ने राहुल गांधी और खड़गे से अलग से लंबी बातचीत की।
बता दें कि पिछले दिनों पप्पू यादव और कन्हैया कुमार को महागठबंधन के मंच से दूर रखा गया था। जहां तेजस्वी यादव और राहुल गांधी ट्रक पर मौजूद थे। लेकिन अब तस्वीर बदलती दिख रही है दिल्ली की सियासी चाय में पप्पू यादव अब ‘मुख्य फ्लेवर’ बनते दिख रहे हैं। ऐसे में चर्चा है कि कांग्रेस न सिर्फ गठबंधन में अपना वजूद तलाश रही है, बल्कि अब वह नेतृत्व और चेहरे दोनों पर दांव खेलने को तैयार है।
बिहार 2025 की जंग अब ‘नीति बनाम नीयत’ से आगे बढ़कर ‘चेहरा बनाम चेहरा’ की लड़ाई बनती जा रही है। कांग्रेस ने चाल चल दी है, अब देखना है बाकी मोहरे कैसे बिछते हैं। दूसरी ओर आज पटना में तेजस्वी यादव ने महागठबंधन की जिला इकाइयों के साथ करीब दो घंटे तक बैठक की।
तेजस्वी यादव ने महागठबंधन की जिला स्तरीय समन्वय समितियों से कहा कि वह देखें कि मतदाताओं से कौन से दस्तावेज लिये जा रहे हैं। पावती दी जा रही है या नहीं, उस पर जवाबदेह के हस्ताक्षर हैं या नहीं? किसी भी कीमत पर वैध मतदाता का नाम मतदाता सूची से कटना नहीं चाहिए। आयोग के लोग जारी गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं या नहीं? तेजस्वी के साथ इस बैठक में वर्चुअल मोड में सभी जिलों से समन्वय समितियों के पदाधिकारी जुड़े थे।