जातिगत गणना, रोजगार योजना और भूमि सर्वे को लेकर जनता के बीच जाएंगे प्रशांत किशोर, बिहार विधानसभा चुनाव में सभी दल ने कसी कमर
By एस पी सिन्हा | Updated: April 21, 2025 16:03 IST2025-04-21T16:02:37+5:302025-04-21T16:03:58+5:30
जातिगत गणना हुआ तब सरकार ने आरक्षण का दायरा बढ़ाने के फैसला के लिए केंद्र को लिखा था। उसकी वर्तमान में स्थिति क्या है?

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पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव में जन सुराज पार्टी के संयोजक प्रशांत किशोर तीन बड़े मुद्दों जातिगत गणना, रोजगार सहायता योजना और भूमि सर्वे को लेकर जनता के बीच जाएंगे। पटना में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि जातिगत गणना को लेकर बिहार में खूब सियासत हुई है। जिन लोगो ने ये कराया उनकी मंशा जनता की मदद करना नहीं बल्कि समाज को जातीय झंझट में डाल राजनीतिक फायदा उठाने की थी। जातिगत गणना के बाद सरकार ने पांच महत्वपूर्ण बातें कही थीं। तीस साल से ज़्यादा समय तक लालू नीतीश ने राज किया। बावजूद समाज के पिछड़े और दलित पिछड़े ही रह गए। प्रशांत किशोर ने कहा कि चाहे शिक्षा की बात हो या सरकारी नौकरी में आने की। जब जातिगत गणना हुआ तब सरकार ने आरक्षण का दायरा बढ़ाने के फैसला के लिए केंद्र को लिखा था। उसकी वर्तमान में स्थिति क्या है?
उन्होंने ने आरोप लगाया कि जातीय जनगणना का उपयोग सामाजिक लाभ पहुंचाने के बजाय राजनीतिक ध्रुवीकरण के लिए किया गया। उन्होंने कहा कि कि बिहार में जातीय जनगणना के आंकड़े जारी हुए लेकिन इससे जनता को कोई ठोस लाभ नहीं मिला। 34 फीसदी लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं और सिर्फ 5 फीसदी से भी कम दलित-पिछड़े छात्र इंटर तक की पढ़ाई कर पाते हैं।
पीके ने आरोप लगाया कि, 94 लाख परिवारों को 2 लाख रुपये की रोजगार सहायता देने का वादा अब तक कागजों तक सीमित है। उन्होंने कहा कि दो साल बाद भी एक भी परिवार को एक रुपया नहीं मिला। 39 लाख परिवारों को आवास निर्माण के लिए आर्थिक सहायता का ऐलान हुआ था, लेकिन कितनों को मिला, सरकार चुप है।
वहीं, भूमि सुधार सर्वेक्षण को लेकर भी नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि 2013 से शुरू हुआ सर्वे अब तक सिर्फ 20 फीसदी ही पूरा हुआ है। बिहार में भूमि विवाद अब हत्याओं की वजह बन रहे हैं और अधिकारी इसे धन उगाही का जरिया बना चुके हैं। उन्होंने कहा कि 94 लाख परिवार को रोजगार के सहायता के लिए प्रति परिवार के किस्त के आधार पर दो-दो लाख देने की बात थी।
कितने परिवार को अभी तक पैसा मिला? 39 लाख परिवार को जिनके पास घर नहीं है। उन्हें एक लाख 20 हज़ार रुपया दिया जाएगा। कितने परिवार जो अभी तक ये राशि दी गई है। पूरी सरकारी मशीनरी प्रधानमंत्री के दौरे को सफल बनाने के लिए लगी हुई है। प्रशांत किशोर ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर एक महीने में इन मुद्दों पर श्वेत पत्र जारी नहीं किया गया तो 11 मई से 11 जुलाई तक एक करोड़ लोगों के हस्ताक्षर लेकर राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसके बाद विधानसभा के अंतिम सत्र में पार्टी विधानसभा का घेराव करेगी।
वहीं, वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि उसमें यह कहीं नहीं लिखा गया है कि अवैध रूप से ली गई जमीन को सरकार गरीबों को सौंपेगी। उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण पर कहा कि महिलाओं को शिक्षित किए बिना यह कानून बेअसर रहेगा। बार-बार मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाना अनुचित है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को भी आड़े हाथों लेते हुए उनसे पूछा कि 2014 से अब तक मोदी जी हर बार बिहार के गरीबों के पैसे से स्वागत पा रहे हैं। चीनी मिलें चालू करने और 1.20 लाख करोड़ की सहायता की घोषणाओं का क्या हुआ?
प्रशांत किशोर ने कहा कि वह शराबबंदी के सिद्धांत का विरोध नहीं करते, लेकिन जिस तरह से यह लागू किया गया है, वह विफल है। शराबबंदी के बावजूद बिहार में हर घर में शराब मिलती है। अब यहां पंजाब की तरह 'सूखा नशा' फैल रहा है।