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पंचायत प्रतिनिधि पर पैसों की बारिश?, वेतन भत्ते में बढ़ोतरी, बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने खोला सरकारी खजाना

By एस पी सिन्हा | Updated: June 12, 2025 18:09 IST

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पंचायत प्रतिनिधियों के साथ गुरुवार को हुई बैठक में की। इसके अलावा पंचायत प्रतिनिधियों को आर्म्स लाइसेंस देने की भी स्वीकृति मिल गई है।

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ठळक मुद्देमुखिया, उप मुखिया, वार्ड सदस्यों तथा सरपंच, उप सरपंच एवं पंचों का वेतन बढ़ाया जाएगा।मुखिया जी को पहले 5000 रुपये मिलता और अब उन्हें 12500 रुपये प्रति माह मिलेंगे।मुखिया समेत तमाम पंचायत प्रतिनिधियों का मासिक भत्ता डेढ़ गुना बढ़ा दिया जाएगा।

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव में पंचायत प्रतिनिधियों की अहमियत को ध्यान में रखते हुए एनडीए की सरकार ने खजाना खोल दिया है। वहीं उन्हें नए अधिकार भी दे दिए हैं। बिहार सरकार ने मुखियाओं को मनरेगा के तहत अब 10 लाख रुपये तक की योजनाओं को स्वीकृत करने का अधिकार दिया है। इससे पहले मुखिया केवल 5 लाख रुपये तक की योजनाओं को ही मंजूरी दे सकते थे। यह घोषणा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पंचायत प्रतिनिधियों के साथ गुरुवार को हुई बैठक में की। इसके अलावा पंचायत प्रतिनिधियों को आर्म्स लाइसेंस देने की भी स्वीकृति मिल गई है।

सरकार के द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार बिहार में मुखिया, उप मुखिया, वार्ड सदस्यों तथा सरपंच, उप सरपंच एवं पंचों का वेतन बढ़ाया जाएगा। बिहार में अब मुखिया समेत तमाम पंचायत प्रतिनिधियों का मासिक भत्ता डेढ़ गुना बढ़ा दिया जाएगा। यानि मुखिया जी को पहले 5000 रुपये मिलता और अब उन्हें 12500 रुपये प्रति माह मिलेंगे।

इसके साथ ही, सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों के मासिक भत्ते को डेढ़ गुना बढ़ाने का आदेश भी जारी किया है। पहले पंचायत प्रतिनिधियों को केवल आकस्मिक मृत्यु पर 5 लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान मिलता था, लेकिन अब उनके कार्यकाल में सामान्य मृत्यु होने पर भी 5 लाख रुपये की राशि दी जाएगी।

इसके अलावा, पंचायत प्रतिनिधि यदि बीमारी से ग्रसित होते हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। पंचायत प्रतिनिधियों के शस्त्र अनुज्ञप्ति के आवेदन जिला पदाधिकारी को नियत समय सीमा में पूरी करने की जिम्मेदारी दी गई है। तीन स्तरों वाली पंचायती राज संस्थाओं द्वारा प्राप्त 15वें वित्त आयोग और राज्य वित्त आयोग की राशि का उपयोग तेजी से करने के लिए विभागीय स्तर पर 15 लाख रुपये तक की योजनाओं का कार्यान्वयन भी किया जा सकेगा।

इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 2006 में पंचायती राज संस्थाओं और 2007 में नगर निकाय के चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था। हमने महिलाओं के उत्थान के लिए काफी काम किया है और वे समाज में नेतृत्व कर रही हैं। सभी वर्गों के विकास के लिए हमने काम किया है। यह स्पष्ट है कि ये छह फैसले पंचायती राज से जुड़े प्रतिनिधियों को बड़ा लाभ देंगे।

 जिसका प्रभाव विधानसभा चुनावों पर भी पड़ेगा। विधानसभा चुनाव से पहले सरकार के इस फैसले को काफी अहम माना जा रहा है। इन फैसलों को विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इसका असर विधानसभा चुनावों में भी दिखने की उम्मीद है।

टॅग्स :Panchayatबिहारनीतीश कुमारNitish Kumar
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