पटनाः बिहार की सियासत में पूर्व बाहुबली सांसद आनंद मोहन और केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान के बीच सियासी तलवारें खिंच गई हैं। दोनों तरफ से लगातार फ्रंटफुट पर आकर बयानबाजी हो रही है और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। हाल यह है कि आनंद मोहन और चिराग पासवान के बीच के रिश्ते तल्ख हो गये हैं। इसी बीच आनंद मोहन के बेटे विधायक चेतन आनंद भी इस लड़ाई में कूद गए हैं। चेतन आनंद ने चिराग पासवान पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर चिराग पासवान गठबंधन में हैं तो मर्दों की तरह रहे। इधर हैं तो इधर रहे और उधर हैं तो उधर रहे। ये पिक एंड चूज की पॉलिसी नहीं अपनाइए।
दरअसल, चेतन आनंद ने हाल ही में हुए बिहार विधानसभा उपचुनाव को जोड़ते हुए चिराग पसावन पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर पोस्ट में लिखा है कि गत संसदीय चुनाव में आप तीन-तीन बार शिवहर का कार्यक्रम लगवाकर, हेलीपैड बनवा कर नहीं आते हैं। ऐसा कर आप क्या संदेश दे रहे थे? क्या हाजीपुर में राजपूतों ने आपको वोट नहीं किया?
आप बार-बार बुलाने पर भी इमामगंज नहीं आते हैं क्यों? क्या दीपा मांझी दलित नहीं हैं, या भविष्य में आपको मांझी वोट नहीं चाहिए! मेरी सलाह है, सच का सामना कीजिए। आप अपना स्टैंड क्लियर कीजिए। साथ में हैं भी और नहीं भी ऐसा नहीं चलेगा। याद रखें, कभी अटल जी के नेतृत्व वाली केंद्र की एनडीए सरकार को बचाने के लिए मेरे पिता जी सामने आए थे और आज जरूरत पड़ी तो नीतीश जी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को बचाने मैं सामने आया। हम कोई सड़क छाप नहीं हैं। एक जिंदा कौम के नेता हैं। अमर्यादित भाषा और टिप्पणी कहीं महंगा सौदा न साबित हो?
चेतन आनंद ने चिराग पासवान पर गंभीर लगाते हुए उनका जन सुराज और प्रशांत किशोर से भी कनेक्शन बताया। चेतन आनंद ने कहा कि वह केंद्रीय मंत्री हैं एनडीए के साथ हैं तो उनको साबित करना होगा कि वह एनडीए के साथ है या नहीं है? वहीं चिराग पासवान के बयान पर कि आनंद मोहन मुख्यमंत्री नीतीश के कृपा से जेल से बाहर हैं, को लेकर चेतन आनंद ने कहा कि चिराग जी को याद रखना चाहिए मेरे पिताजी और उनके पिता जी का मधुर संबंध था। ये सवाल सबके मन में हैं। उन्होंने कहा कि हम किसी के गीदड़ भभकी से नहीं डरते हैं।
आनंद मोहन जी एक जिंदा कौम के नेता हैं वो किसी के गीदड़ भभकी से नहीं डरते हैं। बता दें कि चिराग पासवान ने तीखा बयान देते हुए कहा था कि आनंद मोहन सक्रिय राजनीति में नहीं हैं। इसके अलावा वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कृपा से संगीन जुर्म के बावजूद जेल से रिहा हुए हैं, इसलिए उनकी बात का जवाब देने का कोई मतलब नहीं है।