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Bihar Politics News: बिहार में पिक्चर अभी बाकी है..., लोकसभा चुनाव से पहले राजद और कांग्रेस में बड़ी टूट की संभावना, अब तक 6 विधायक एनडीए में गए

By एस पी सिन्हा | Updated: February 28, 2024 17:03 IST

Bihar Politics News: सूत्रों के मुताबिक पाला बदलने का मूड बना चुके कई विधायक अपने लिए राजनीतिक भविष्य की गारंटी में कांग्रेस का मोह छोड़ चुके हैं, बस उन्हें उचित मौके की तलाश है।

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ठळक मुद्देनीतीश सरकार के विश्वासमत के दौरान भी आया था।हर दल की नजर एक-दूसरे के विधायकों पर थी।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू के वरिष्ठ नेता अशोक चौधरी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी थी।

Bihar Politics News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पाला बदलने के बाद से खेला होने के दावे राजद के द्वारा किए जाने के बाद यह खेला महागठबंधन पर ही भारी पड़ने लगा है। विधानसभा में नीतीश सरकार के विश्वासमत से पहले कांग्रेस ने अपने विधायकों को टूटने से तो बचा लिया, लेकिन अब उसके विधायक हाथ से निकलते जा रहे हैं। मंगलवार को कांग्रेस के दो विधायकों के पाला बदलकर भाजपा में शामिल हो जाने के बाद अब यह कयास लगाए जा रहे हैं कि अभी भी कई विधायक  कतार में शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक पाला बदलने का मूड बना चुके कई विधायक अपने लिए राजनीतिक भविष्य की गारंटी में कांग्रेस का मोह छोड़ चुके हैं, बस उन्हें उचित मौके की तलाश है। एक मौका नीतीश सरकार के विश्वासमत के दौरान भी आया था। हर दल की नजर एक-दूसरे के विधायकों पर थी।

महागठबंधन की तरफ से तेजस्वी ने मोर्चा संभाल रखा था तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू के वरिष्ठ नेता अशोक चौधरी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी थी। भाजपा की ओर से प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी भी इस गेम पर पैनी नजरें जमाए हुए थे। उधर, सत्ता गंवाने के बाद तेजस्वी यादव इन दिनों अपनी जन विश्वास यात्रा में निकालने में व्यस्त हैं।

इस बीच उनके प्रतिद्वंदी सम्राट चौधरी बड़ी ख़ामोशी से अपनी रणनीति पर काम कर रहे हैं। चर्चा है कि कांग्रेस विधायकों को अपने पाले में लाने के लिए अशोक चौधरी को जिम्मेवारी सौंपी थी। चूंकि राजनीति में अशोक चौधरी की प्राथमिक पाठशाला कांग्रेस थी। उनके पिता महावीर चौधरी बिहार कांग्रेस के कद्दावर नेता थे।

खुद अशोक चौधरी भी बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उन पर पूरा भरोसा था। हालांकि, वह कांग्रेस को तोड़ने में नाकामयाब रहे। उल्टा विश्वासमत से पहले जदयू के कई विधायक लापता हो गए थे। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि अगर भाजपा मोर्चा ना संभालती तो नीतीश सरकार विश्वासमत में गिर जाती।

राजद के तीन विधायकों चेतन आनंद, प्रह्लाद यादव और नीलम देवी को अपने पाले में लाने भाजपा ने पूरी ताकत लगा दी थी। यही वजह है कि अशोक चौधरी से नाराज होकर नीतीश कुमार ने उन्हें अपनी कैबिनेट में शामिल नहीं किया। सत्तारूढ़ एनडीए ने तब भी कहा था कि अभी तो खेल की शुरुआत हुई है।

भाजपा विधायक नितिन नबीन ने इस मामले में कहा कि तेजस्वी यादव जी से मैं तो यही कहना चाहता हूं कि आपने जिस दिन ट्वीट कराया था कि बहुत बड़ा खेला होगा। 17-17 विधायक संपर्क में हैं। वो किस लोकतंत्र की खूबसूरती थी। बहुमत हमारे पास है, लेकिन आपके नेता इसके बाद भी गठबंधन को छोड़कर हमारे पास आ रहे हैं तो कहीं न कहीं आपके नेतृत्व में जो भ्रष्टाचार छुपा है, ये उसका नतीजा है। आपके पास मौकै है अपनी अंतरआत्मा में जाइए और राजनीति को शुद्ध कीजिए। अभी तो ये ट्रेलर है। पूरी पिक्चर बाकी है।

बिहार में पाला बदलने वाले राजद विधायकों की भी समाप्त कराई जाएगी सदस्यता, राजद विधानसभा अध्यक्ष से करेगी मांग

बिहार में राजद और कांग्रेस विधायकों के पाला बदलने बाद अब कांग्रेस और राजद एक्शन में आ गई है। कांग्रेस के द्वारा विधायकों की सदस्यता समाप्त कराने को लेकर पत्र विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव को सौंपा जा चुका है। अब राजद के द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को औपचारिक पत्र देकर बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की जाएगी।

राजद अपने चारों विधायकों (संगीता देवी, चेतन आनंद, नीलम देवी और प्रह्लाद यादव) को सदन की सदस्यता से अयोग्य ठहराने की मांग की है। इनमें से किसी ने भी अब तक औपचारिक रूप से पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया है। राजद सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष से एनडीए में शामिल होने वाले सभी राजद विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करेगी। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष सबकुछ देख रहे हैं। हम जाएंगे उनके पास गुहार लगाएंगे।

यह दल बदल विरोधी कानून है, जो कभी नहीं होता है कि चार विधायकों को आप जगह आवंटित कर देंगे। उन्होंने कहा कि सदस्यता तो इन चारों की जाएगी, क्योंकि दल विरोधी कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से की गई टिप्पणी इतने सख्त हैं कि कोई विधानसभा अध्यक्ष इसका उल्लंघन नहीं कर सकता।

यदि कोई विधानसभा अध्यक्ष ऐसा करने की कोशिश करेगा तो इतिहास के पन्नों में उस विधानसभा अध्यक्ष का कोई नाम लेना भी पसंद नहीं करेगा। बता दें कि बिहार में एनडीए की नई सरकार के गठन और विश्वासमत से लेकर विधानसभा बजट सत्र के समापन के दो दिन पहले तक विपक्षी गठबंधन के अब तक छह विधायकों ने पाला बदल लिया है।

राजद के तीन विधायकों ने पहले ही पार्टी से किनारा कर लिया था और अब एक और विधायक ने पार्टी छोड़ दी है। इनके अलावा कांग्रेस के दो और विधायकों ने एनडीए की सदस्यता ग्रहण कर लिया है। विश्वासमत के दौरान तीन विधायकों के पाला बदल लिए जाने के बाद राजद ने चुप्पी साध ली थी। लेकिन अब राजद कार्रवाई करने के मूड में दिख रही है।

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