Bihar Politics News: बिहार की सियासत में कभी भी 'खेला होने' को लेकर जारी अटकलों के बीच प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के राजनीतिक करियर को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार की राजनीतिक पारी का ये अंतिम दौर चल रहा है। नीतीश कुमार अब अपना करियर नहीं बचा सकते हैं। वो अब कहां रहेंगे?
उसका कोई महत्व नहीं है, क्योंकि नीतीश कुमार की राजनीतिक पारी का ये अंतिम दौर चल रहा है। उन्हें जिनते हाथ-पैर मारने हैं मार लें, चाहे एनडीए में रहे या महागठबंधन में रहे। प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार के जो अभी हालात हैं, वो ये हैं कि वो जिसके साथ भी जाएंगे या जो दल उनको लेगा। नीतीश कुमार तो डूबेंगे ही और उसको भी डुबा देंगे।
उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक हुई। इसमें उनकी पार्टी के अध्यक्ष ललन सिंह नहीं गए किसी दूसरे आदमी को उन्होंने भेजा। ऐसा नहीं है कि नीतीश कुमार कल भाजपा में जा रहे हैं। ये नीतीश कुमार की राजनीति का तरीका है जो उनके साथ रहता है उसको हमेशा डराते रहते हैं कि अगर हम पर ध्यान नहीं दोगे तो हम उधर भी जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि 2014-15 में जिस नीतीश कुमार की हमने मदद की थी उनका नाम था 'सुशासन बाबू' था। बिहार में बड़ा वर्ग ऐसा मानता था कि 2005 से लेकर 2012-13 के दौर में नीतीश कुमार ने बिहार को सुधारने में कुछ प्रयास किए थे। हमने भी उसी नीतीश कुमार की मदद की थी।
प्रशांत किशोर ने कहा कि आज नीतीश कुमार को कोई भी सुशासन बाबू के नाम से नहीं जानता है। 14-15 में वो नीतीश कुमार ने पार्टी के चुनाव हारने के बाद इस्तीफा दे दिया था, लेकिन आज नीतीश कुमार 2020 में चुनाव हार गए हैं। 243 की विधानसभा में सिर्फ 42 विधायक उनके पास हैं और फिर कोई ना कोई जुगाड़ लगाकर वो मुख्यमंत्री बने हुए हैं।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और कहेंगे कि मेरी अंतरात्मा कह रही है कि अब इन लोगों के साथ नहीं रहेंगे। सब लोग एकजुट हुए नहीं, मैंने कहा था कि सब लोग एकजुट हो जाइए नहीं हुआ तो अब क्या करें? अब फिर से भाजपा में जा रहे हैं। नीतीश कुमार इस तरह की राजनीति करते रहते हैं।