पटनाः रालोजपा प्रमुख एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस अब धिरे-धिरे एनडीए से दूरी बनाते दिखने लगे हैं। हाल ही में उन्होंने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव से भी मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने अभी तक एनडीए छोड़ने का ऐलान तो नहीं किया है, लेकिन एनडीए के खिलाफ मोर्चा जरूर खोल दिया है। इसी कड़ी में पशुपति कुमार पारस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पासवान विरोधी बताया है। उन्होंने दफादार चौकीदार की मांगों को समर्थन करते हुए कहा कि दफादार चौकीदार लगातार काम करते आ रहे हैं। इसमें ज्यादातर दलित समुदाय के लोग हैं और उसमें भी 80 फीसदी से ज्यादा पासवान समाज के लोग हैं। पारस ने कहा कि बिहार सरकार पासवान समाज की विरोधी है और उसके हकों को छीनने का प्रयास कर रही है, जिसका हम लोग पुरजोर विरोध करते हैं।
बता दें कि पिछले एक वर्षों से दफादार चौकीदार अपनी सात सूत्री मांगों को लेकर बिहार सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। इनकी मुख्य मांग यह है कि दफादार चौकीदार की बहाली जो पूर्व में हुई थी, उसके बाद उनके आश्रितों को बहाल किया जाता रहा है, लेकिन बिहार सरकार ने उसमें बदलाव किया है और उसकी बहाली प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पटना के गर्दनीबाग में दलित सेना एवं बिहार राज्य दफादार व चौकीदार पंचायत संघ के संयुक्त तत्वाधान में विशाल धरना दिया जा रहा है। पशुपति कुमार पारस और उनके भतीजे प्रिंस राज दोनों गर्दनीबाग पहुंचे और प्रदर्शनकारी दफादार चौकीदारों का समर्थन किया। चिराग पासवान पहले ही इस मुद्दे को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने उठा चुके हैं।