पटनाः ओडिशा कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी एवं पटना के पूर्व जिलाधिकारी मनीष वर्मा ने मंगलवार को जदयू में शामिल हो गए। जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा और मंत्री विजय चौधरी ने मनीष वर्मा को पार्टी की सदस्यता दिलाई। अनिवार्य सेवानिवृत्ति लेने के बाद मनीष वर्मा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के परामर्शी के साथ-साथ राज्य आपदा प्राधिकरण के सदस्य हैं। मनीष वर्मा के जदयू में शामिल होने पर पार्टी के नेताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। मनीष कुमार वर्मा ने अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ राजनीतिक सफर का आगाज कर दिया है।
उन्हें जदयू का नया आरसीपी सिंह कहा जा रहा है क्योंकि वह भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से आते हैं और कुर्मी समुदाय से हैं। जदयू में शामिल होने से पहले मनीष वर्मा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट साझा किया और लिखा कि सभी कार्यकर्ताओं का हृदय से धन्यवाद। हम सबको मिलकर हमारी पार्टी जदयू को नम्बर -1 पार्टी बनाना है।
आज से आपके राजनीतिक संघर्ष के साथी के तौर पर कदम-से-कदम मिलाकर चलने के लिए संकल्पित हैं। 1974 में जन्मे मनीष वर्मा मुख्यमंत्री के दूर के भी रिश्तेदार बताए जाते हैं। उन्हें कथित तौर पर नीतीश का "गोतिया" (दूर के रिश्तेदार) बताया जाता है। मनीष वर्मा ने साल 2000 में आईएएस बने थे और उन्हें ओडिशा कैडर मिला था। मनीष वर्मा ने ओडिशा के अकाल से पीड़ित जिला कालाहांडी में सेवा की।
बाद में उन्हें मलकानगिरी का डीएम बनाया गया। इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2012 में मनीष वर्मा को अंतरराज्यीय प्रतिनियुक्ति पर बिहार बुला लिया। उन्हें पूर्णिया और पटना का डीएम बनाया गया। 2014 में मनीष वर्मा पटना के डीएम थे। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में रावण दहन के दौरान हुई भगदड़ में 33 लोग मारे गए थे, उनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे।
तब मनीष को पटना डीएम पद से हटाने को लेकर कई प्रकार की चर्चा थी, लेकिन बाद में उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुआ। माना गया कि नीतीश कुमार के करीबी होने के कारण ही तमाम तरह की आलोचना झेलने के बाद भी मनीष वर्मा पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। 2017 में मनीष का बिहार का प्रतिनियुक्ति समाप्त हुआ था। उन्हें एक साल का विस्तार दिया गया था। 2018 में, भारत सरकार ने मनीष वर्मा को ओडिशा वापस जाने का निर्देश दिया था। लेकिन मनीष वर्मा ने बिहार छोड़ने से बेहतर आईएस सेवा छोड़ना समझा।
जैसे ही मनीष वर्मा ने आईएस से इस्तीफा दिया नीतीश कुमार ने तुरंत बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का सदस्य बना दिया। उन्हें बुनियादी ढांचे के विकास पर सीएम का सलाहकार भी बनाया गया। वहीं, 2022 में नीतीश कुमार ने उन्हें मुख्यमंत्री का अतिरिक्त सलाहकार बना लिया।