Bihar Politics News: क्या फिर से पलटी मारेंगे सीएम नीतीश!, आखिर पीएम मोदी के नामांकन कार्यक्रम क्यों किया रद्द, उठ रहे सवाल
By एस पी सिन्हा | Updated: May 15, 2024 17:27 IST2024-05-15T17:22:48+5:302024-05-15T17:27:25+5:30
Bihar Politics News: नीतीश कुमार के चुनाव जीत नहीं सकते हैं, इसलिए हमारे मुख्यमंत्री का नाम चुनावी लाभ के लिए तेजस्वी यादव को करना पड़ रहा है।

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Bihar Politics News: बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर यह कहे जाने पर कि नीतीश चाचा भले ही भाजपा मे चले गए हैं, लेकिन उनका मन इधर है, इस बयान से बिहार के राजनीति में बड़ी हलचल मची हुई है। यह हलचल तब और तेज हो गई जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नामांकन कार्यक्रम जाना रद्द कर दिया। इसके बाद से तमाम तरह की कयासबाजियां शुरू हो गई हैं, जिससे काफी हलचल है। अब इसको लेकर एनडीए खेमा की ओर से लगातार तेजस्वी यादव पर पलटवार किया जाने लगा है।
तेजस्वी यादव को हार का अहसास हो गया
तेजस्वी के इस बयान को जदयू के मुख्य प्रवक्ता व विधान पार्षद नीरज कुमार ने इसे चुनावी लाभ के लिए दिया गया बयान बताया। वहीं, लोजपा (आर) के प्रमुख चिराग पासवान ने भी साफ तौर पर कहा है कि तेजस्वी यादव को हार का अहसास हो गया है। उन्हें पता है कि वह बिना नीतीश कुमार के चुनाव जीत नहीं सकते हैं, इसलिए हमारे मुख्यमंत्री का नाम चुनावी लाभ के लिए तेजस्वी यादव को करना पड़ रहा है।
जबकि केन्द्रीय मंत्री नेता गिरिराज सिंह ने कहा है कि तेजस्वी यादव घबराए हुए हैं। नीतीश कुमार 2005 वाले जंगलराज को फिर आने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव डरे हुए हैं, उनके साथ कोई वोट नहीं है। इधर, हमारे साथ हमारे नेता नरेंद्र मोदी जी, नीतीश कुमार और सम्राट चौधरी हैं। कुशवाहा, पिछड़े, दलित भी भाजपा के साथ हैं। सब भाजपा के साथ है, इसलिए तेजस्वी यादव डरे हुए हैं।
लोकसभा चुनाव के बाद और बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले नीतीश कुमार फिर राजद के साथ जा सकते हैं
दरअसल, जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फिर पाला बदलने की संभावना व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि लोकसभा चुनाव के बाद और बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले नीतीश कुमार फिर राजद के साथ जा सकते हैं। ऐसे में नीतीश कुमार को लेकर एक बार फिर से अटकलबाजियों का दौर शुरू हो गया है।
तेजस्वी यादव का यह बड़ा दांव
लेकिन जानकारों की मानें तो यह सब नीतीश कुमार की विश्वसनीयता पर सवाल उठाकर वोट हासिल करने की राजनीति से देखा जा रहा है। दरअसल, तेजस्वी यादव को यह पता है कि नीतीश कुमार बिहार की सियासत के बैलेंसिंग फैक्टर हैं और जिधर उनका झुकाव होगा पलड़ा उसी का भारी होगा। ऐसे में तेजस्वी यादव का यह बड़ा दांव है।