Bihar Politics News: लोकसभा चुनाव के पहले बिहार में एनडीए में टूट के संकेत मिल रहे हैं। चिराग पासवान की तो एनडीए के साथ डील हो गई, लेकिन अब उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के स्टैंड को लेकर असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई हुई है। पशुपति पारस ने शुक्रवार को दिल्ली स्थित अपने आवास पर पार्टी की उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक के बाद पशुपति पारस ने कहा कि राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से अनुरोध करती है कि जिन 5 लोकसभा सीटों पर हमारी पार्टी के सांसद हैं, वे सीटें हमें दी जाएं। लेकिन अगर सीट नहीं मिली तो हमारे रास्ते खुले हैं।
पशुपति कुमार पारस ने कहा कि अगर उचित सम्मान नहीं मिला तो हमारे पास अन्य विकल्प रहेगा। हम कहीं भी जाने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हम बिहार के लिए एनडीए के लोकसभा उम्मीदवारों की सूची का इंतजार कर रहे हैं। अगर हमें हमारी सीटें नहीं दी गई तो हम अन्य रास्ता पकड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब तक भाजपा की तरफ से सूची जारी नहीं होती, तब तक वो इंतजार करेंगे।
उन्होंने कहा कि अगर हमें उचित सम्मान नहीं मिला तो हमारी पार्टी का रास्ता खुला हुआ है। हम कहीं पर भी जाने के लिए स्वतंत्र हैं। पारस ने यह भी कहा कि उन्होंने भाजपा की टॉप लीडरशिप से बोल दिया है कि उनकी पार्टी के सांसदों को टिकट मिलना चाहिए और अपने फैसले पर पुनर्विचार करें। उन्होंने इस दौरान यह भी कहा कि वो हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे।
पारस ने कहा कि हमने एनडीए के साथ वफादारी के साथ मित्रता बढ़ाई है। इसके पहले पशुपति पारस ने अपनी पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक की। इसमें पारस के अलावा प्रिंस पासवान और सूरजभान सिंह मौजूद रहे। बैठक के बाद पारस ने अपनी आगे की रणनीति को लेकर साफ कहा कि उन्हें अगर एनडीए में उचित सम्मान नहीं मिलेगा तो वे अन्य विकल्प तलाश सकते हैं।
हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि वे एनडीए छोड़ते हैं तो कांग्रेस-राजद के साथ जायेंगे या नहीं। वहीं हाजीपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने पर पशुपति पारस ने साफ कहा कि वे हर हालत में हाजीपुर से चुनाव लड़ेंगे। साथ ही हमारे तीनों सांसद (पशुपति पारस, प्रिंस पासवान, चंदन सिंह) भी चुनाव लड़ेंगे।
बता दें कि दो दिन पहले ही पशुपति पारस के भतीजे चिराग पासवान की भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात हुई थी। इसमें चिराग की पार्टी लोजपा (रामविलास) को बिहार में 5 लोकसभा सीटें देने पर सहमति बनने की बातें सामने आई थी। साथ ही हाजीपुर सीट भी चिराग को दी जाएगी।
चिराग और भाजपा में हुई सेटिंग से पशुपति पारस को बड़ा झटका लगा क्योंकि पशुपति पारस को एनडीए में एक भी सीट नहीं देने की बातें कही जा रही है। उसके बाद ही पशुपति पारस ने अपने सहयोगी सांसदों की बैठक बुलाई। इसके पहले पशुपति पारस गुट के दो सांसद वीणा देवी और महबूब अली कैसर ने बड़ा झटका दिया और चिराग के साथ हो लिए।
अब पशुपति कुमार पारस को लेकर कहा जा रहा है कि अगर एनडीए के साथ उनकी सुलभ नहीं होती है तो वे कांग्रेस-राजद के साथ महागठबंधन में जा सकते हैं। बिहार में पासवान वोटों पर कांग्रेस-राजद की नजर है। ऐसे में पशुपति पारस के साथ आने से पासवान वोटों में सेंधमारी हो सकती है।