पटनाः बिहार में भवन निर्माण विभाग ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस कार्यालय को खाली करने के लिए सात दिनों का समय दिया है। इसके साथ ही निर्देश दिया गया है कि अगर सात दिनों में खाली नहीं किया जाता है तो बलपूर्वक कार्यालय को खाली कराया जाएगा। विभाग ने पत्र में लिखा है कि विभागीय एक्ट 1956 की धारा (4) क की शक्ति का उपयोग करते हुए राष्ट्रीय लोजपा अध्यक्ष को निर्देश दिया जाता है कि आदेश की कॉपी मिलने के 7 दिनों के अंदर आवास संख्या 1 व्हीलर रोड, शहीद पीर अली खान मार्ग, पटना को खाली कर दें।
निर्धारित अवधि में अगर आवास खाली नहीं होता है, तो बाध्य होकर उसे बलपूर्वक खाली कराया जाएगा। भवन निर्माण विभाग द्वारा इसके पहले राष्ट्रीय लोजपा को बिहार का प्रदेश कार्यालय खाली करने का आदेश 13 जून 2024 को जारी किया गया था। फिर 8 जुलाई को एक नया आदेश जारी कर चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) को अलॉट कर दिया गया।
इसके बाद भी पशुपति पारस ने आवास खाली नहीं किया। इसके बाद भवन निर्माण विभाग के संयुक्त सचिव संजय कुमार सिंह की तरफ से बीते 22 अक्टूबर को एक पत्र जारी किया गया था। जिसमें कहा गया था कि 30 जून 2006 को लोक जनशक्ति पार्टी को कार्यालय के लिए सरकारी बंगला आवंटित किया गया था।
जिसे खाली करने के लिए उप सचिव सह भू संपदा पदाधिकारी ने भवन निर्माण के संयुक्त सचिव से अनुरोध किया था। संयुक्त सचिव की तरफ से 15 दिनों की मोहलत देते हुए नोटिस जारी करने के बावजूद सरकारी बंगला खाली नहीं किया गया। जूनियर इंजीनियर ने बताया कि पहले भी नोटिस दिया गया था।
लेकिन खाली नहीं किया गया है और अभी इश्तिहार चिपकाए गया जिसे फाड़ दिया गया है। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी की तरफ से कहा गया कि हाई कोर्ट में मामला लंबित है, लेकिन विभाग का कहना है कि कोर्ट ने इसपर किसी तरह का स्टे नहीं लगाया है। बावजूद इसके 21 अक्टूबर तक बंगला खाली नहीं किया गया।