नई दिल्लीः भाजपा ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी। भाजपा ने केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र प्रधान को बिहार चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है। पार्टी ने सीआर पाटिल और केशव प्रसाद मौर्य को सह-प्रभारी नियुक्त किया है। बिहार में 243 सीट और अक्टूबर-नवंबर में चुनाव होंगे। इस बीच केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को पश्चिम बंगाल के लिए पार्टी का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया है और बिप्लब कुमार देब सह-प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। भाजपा ने पार्टी नेता बैजयंत पांडा को तमिलनाडु चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है। मुरलीधर मोहोल चुनाव सह-प्रभारी नियुक्त किया है।
भाजपा बिहार विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव और सह-प्रभारी-
धर्मेंद्र प्रधान: चुनाव प्रभारी
सीआर पाटिल: सह-प्रभारी
केशव प्रसाद मौर्य: सह-प्रभारी।
बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। भाजपा ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को बिहार भाजपा का चुनाव प्रभारी बनाया है। प्रधान के साथ ही पार्टी ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर पाटिल और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को सह प्रभारी बनाया है। इस बात की जानकारी भाजपा के मीडिया सह प्रमुख संजय मयूख ने गुरुवार को दी।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, यह टीम बिहार में चुनावी रणनीति तय करने, संगठन को मजबूत करने और एनडीए के सहयोगी दलों के साथ समन्वय बनाने का काम करेगी। धर्मेंद्र प्रधान इससे पहले भी बिहार चुनाव (2020) में प्रभारी रह चुके हैं और संगठन व चुनाव प्रबंधन में उनकी भूमिका को पार्टी नेतृत्व ने अहम माना है।
वहीं, केशव प्रसाद मौर्य की पिछड़ा वर्ग में पकड़ और सीआर पाटिल की प्रबंधन क्षमता को देखते हुए उन्हें टीम में शामिल किया गया है। इस फैसले के साथ ही भाजपा ने यह संकेत दे दिया है कि वह बिहार चुनाव को पूरी ताकत से लड़ने की तैयारी में है। अब सबकी नजरें सीट बंटवारे और उम्मीदवारों की पहली सूची पर टिकी हैं।
उल्लेखनीय है कि 2020 के चुनाव में वर्तमान में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को प्रभारी बनाया गया था। ऐसे में यह नियुक्ति बिहार में एनडीए की मजबूती को बढ़ावा देने के लिए अहम मानी जा रही है। बिहार में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव है।
भाजपा सूत्रों के अनुसार, धर्मेंद्र प्रधान की रणनीतिक क्षमता और संगठनात्मक कौशल बिहार में तेजस्वी यादव की अगुवाई वाले महागठबंधन को चुनौती देने में कारगर साबित होगा। हालांकि, बिहार में एनडीए पहले से सत्ता में है, मगर तेजस्वी यादव और राहुल गांधी की यात्राओं से माहौल थोड़ा बदला है। ऐसे में भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। यही वजह है कि अच्छा-खासा सियासी अनुभव रखने वाले धर्मेंद्र प्रधान को बिहार फतह करने की जिम्मेदारी दी गई है।