बिहार पुलिस करने जा रही है 'दंगा' से तौबा, केंद्रीय गृह मंत्रालय के भेजा जाएगा प्रस्ताव
By एस पी सिन्हा | Updated: July 23, 2021 19:38 IST2021-07-23T19:31:13+5:302021-07-23T19:38:39+5:30
बिहार पुलिस अब 'दंगा' से तौबा करने की तैयारी में है। 'दंगा' शब्द को बदलवाने के लिए पुलिस मुख्यालय ने एक प्रस्ताव तैयार किया है। इस पर राज्य के गृह विभाग की सहमति मिल गई है।

प्रतीकात्मक तस्वीर
पटनाःबिहार पुलिस अब ’दंगा’ से तौबा करने की तैयारी में है। 'दंगा' शब्द को बदलवाने के लिए पुलिस मुख्यालय ने एक प्रस्ताव तैयार किया है। इस पर राज्य के गृह विभाग की सहमति मिल गई है। अब इससे केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा। बीते दिनों गृह विभाग की समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने पुलिस और गृह विभाग से संबंधित कई प्वाइंट्स पर भी गाइडलाइन दिए हैं।
गृह विभाग के सचिव स्तर के एक अधिकारी ने बताया कि 'दंगा' शब्द का प्रयोग होने से सबसे पहले मन में सांप्रदायिक तनाव या कोई हिंसात्मक घटना की बात आती है, जबकि पुलिसिया कार्रवाई में पांच लोग या उससे अधिक के बीच किसी भी तरह की हिंसात्मक घटना को दंगा शब्द दिया जाता है। यह सार्वजनिक जगह पर हो या किसी निजी स्थान पर दोनों ही सूरत में इसे दंगा कहा जाता है।
इस परिस्थिति में आईपीसी की धारा 147, 148, 149 लगाई जाती है। ऐसे में भले ही सांप्रदायिक घटनाओं की संख्या नहीं के बराबर होती है, पर वार्षिक आंकड़ों में दंगा वाली घटनाएं अधिक दर्ज हो जाती हैं। ऐसे में ज्यादातर मामलों में लोग दंगा को सांप्रदायिक हिंसा भी समझ लेते हैं।
शायद यही वजह है कि दंगा को दूसरे रूप में नामांकित करने के लिए पुलिस मुख्यालय ने यह प्रस्ताव दिया है। गृह विभाग की समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने इसके अलावा कई बिंदुओं पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। साथ ही कुछ मामलों में रिपोर्ट भी तलब की है। बिहार सरकार की तरफ से भेजे जाने वाले इस प्रस्ताव पर केंद्रीय गृह मंत्रालय क्या फैसला लेता है इसका इंतजार होगा, लेकिन अगर यह बदलाव हुआ तो 'दंगा' जैसे शब्द के इस्तेमाल में कमी आएगी।