बिहार पुलिस महकमाः 1947 से 2023, 1229 पुलिस पदाधिकारी-कर्मी कर्तव्य के दौरान बलिदान?, देखिए रिपोर्ट
By एस पी सिन्हा | Updated: August 30, 2025 15:13 IST2025-08-30T15:11:55+5:302025-08-30T15:13:21+5:30
Bihar Police Department:

सांकेतिक फोटो
पटनाः बिहार पुलिस महकमा ने यह ऐलान किया है कि राज्य में पुलिसकर्मियों की ड्यूटी के दौरान हादसे में मौत होने पर 1.50 करोड़ रुपये बीमा का लाभ मिलेगा। इसके पहले राज्य के शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों को अब तक 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जा्ती थी। उससे भी पहले मुआवजे की राशि महज दो लाख रुपए थी। एडीजी (बजट, अपील एवं कल्याण) डॉ. कमल किशोर सिंह ने बताया कि संबंधित पुलिसकर्मी की मौत होने पर यह राशि उसके परिजनों को दी जाती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह बीमा लाभ सरकार द्वारा दी जाने वाली अन्य अनुग्रह राशि, आश्रित परिजन को नौकरी और सुविधाओं के अतिरिक्त मिलेगा। यानी शहीद पुलिसकर्मी के परिवार को अलग-अलग स्रोतों से कई तरह की सहायता प्रदान की जाएगी।
कमल किशोर सिंह ने कहा कि पुलिस विभाग ने अपने स्तर पर कई कोष भी गठित किए हैं। इनमें परोपकारी कोष, शिक्षा कोष और स्वास्थ्य कोष शामिल हैं। बिहार पुलिस मुख्यालय के अनुसार, वर्ष 1947 से वर्ष 2023 तक बिहार पुलिस के 1229 पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मी कर्तव्य के दौरान बलिदानी हुए हैं। इनमें सर्वाधिक 770 सिपाही हैं।
चार पुलिस अधीक्षक, छह पुलिस उपाधीक्षक, 15 इंस्पेक्टर और 159 दारोगा भी बलिदानियों की सूची में हैं। इसके अलावा 99 सहायक पुलिस अवर निरीक्षक एवं 176 हवलदार भी बलिदानी हुए हैं। पुलिस मुख्यालय के द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार 16 अक्टूबर, 2023 को अमिता बच्चन, सिपाही, वैशाली जिला पुलिस शहीद हुए थे।
इसी तरह 15 फरवरी, 2023 में नंदकिशोर यादव, दारोगा, मोहनपुर ओपी, समस्तीपुर। 7 सितंबर, 2022 में बाल्मीकि कुमार, सिपाही, सिसवन थाना, सीवान। 18 जून, 2023 : मो. अब्बास, दारोगा, वारिसलीगंज थाना, नवादा। 9 जुलाई, 2023 : भुनेश्वर सिंह, एएसआई, हुसैनगंज थाना, सीवान। 8 नवंबर, 2022 : विक्रांत भारती, सिपाही, सिकरौली थाना, बक्सर।
22 मई, 2023 : रविश भारती, सिपाही, रजौली थाना, नवादा। 11 अप्रैल, 2023 : सतीश कुमार, एएसआई, चेरौत थाना, सीतामढ़ी। 26 अक्टूबर, 2022 : राजेश कुमार, सिपाही, यादवपुर थाना, गोपालगंज में पुलिसकर्मी शहीद हुए थे। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, बिहार पुलिस में 2,29,000 कर्मियों की स्वीकृत संख्या है, और 2024 तक, इसमें 1,10,000 कर्मी कार्यरत हैं।
इसके साथ ही देश में सर्वाधिक 29 प्रतिशत महिला पुलिसकर्मी बिहार में हैं। वर्तमान में बिहार में करीब 29 हजार महिला पुलिसकर्मी और पदाधिकारी हैं। जबकि बिहार पुलिस में एक जनवरी 2005 को महज 893 महिला पुलिसकर्मी और पदाधिकारी थीं। इस दिशा में क्रांतिकारी बदलाव वर्ष 2013 में आया जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस बल में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की।
इसके बाद बिहार पुलिस में महिलाओं की संख्या में भारी इजाफा हुआ। नतीजा, आज राज्य में महिला पुलिस की संख्या 29 हजार तक पहुंच गई है। पुलिस की बहाली में महिलाओं के आने से सामाजिक बदलाव भी आया है। समाज में महिलाओं को बराबरी का हक मिला है। अब पीड़ित महिलाएं बिना झिझक के थाने आकर महिला पुलिसकर्मियों को अपनी शिकायत दर्ज करा रहीं हैं।
महिलाएं थानों की कमान संभाल रहीं तो डायल-112 की गाड़ियां भी चला रही हैं। बिहार में पहली बार महिला बटालियन का भी गठन हुआ है। सभी 40 पुलिस जिलों में एवं 4 रेल पुलिस जिलों में एक-एक महिला थाना की स्थापना भी की गई है, इसके लिए विभिन्न कोटि के 647 पदों का सृजन किया गया है। अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए स्वाभिमान बटालियन का गठन भी हुआ है।