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Bihar Panchayat Chunav: जेल में बंद राजद विधायक अनंत सिंह का जलवा, भाभी निर्विरोध मुखिया बनीं

By एस पी सिन्हा | Updated: November 3, 2021 21:43 IST

Bihar Panchayat Chunav: बाढ़ अनुमंडल स्थित राजद विधायक के पैतृक गांव नदवां का है. यहां छठे चरण में मतदान होना था. लेकिन मुखिया से लेकर पंचायत समिति सदस्‍य, सरपंच, पंच, वार्ड सदस्‍य सभी पद के प्रत्‍याशी निर्विरोध चुने गए हैं.

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ठळक मुद्देअनंत सिंह ने लोकसभा चुनाव में अपनी पत्नी को मैदान में उतारा था.अनंत सिंह राजद के टिकट पर एक बार फिर मोकामा से विधानसभा चुनाव जीत गए.अब पंचायत चुनाव में अनंत सिंह की भाभी निर्विरोध मुखिया बन गई हैं.

पटनाः जेल में बंद राजद विधायक अनंत सिंह का जलवा बरकरार है. वह वर्षों से जेल में बंद हैं, वावजूद इसके उनकी पकड़ कमजोर नहीं हुई है. ‘छोटे सरकार’ के नाम से चर्चित मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह पर सरकार की नजर भले ही टेढ़ी हो, इसके बावजूद वह लोगों के चहेते बने हुए हैं.

शायद यही कारण है कि जेल में रहने के बावजूद वह अपनी भाभी को निर्विरोध मुखिया बनवाने में सफल रहे. अनंत सिंह ने लोकसभा चुनाव में अपनी पत्नी को मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें ललन सिंह के सामने हार का मुंह देखना पड़ा. बाद में अनंत सिंह राजद के टिकट पर एक बार फिर मोकामा से विधानसभा चुनाव जीत गए और अब पंचायत चुनाव में अनंत सिंह की भाभी निर्विरोध मुखिया बन गई हैं.

आर्म्स एक्ट मामले में जेल में बंद मोकामा विधायक अनंत सिंह का पैतृक गांव नदांवा है. यहां विधायक अनंत सिंह की हर एक बात मानी जाती है. कभी विधायक के विरोधी रहने वाले उनके चचेरे भाई और बिहार केशरी विवेक पहलवान भी अब अनंत सिंह के ही साथ हैं, जिसका नतीजा यह देखने को मिला कि पूरे पंचायत ने निर्विरोध जीत हासिल की. मामला बाढ़ अनुमंडल स्थित राजद विधायक के पैतृक गांव नदवां का है. यहां छठे चरण में मतदान होना था. लेकिन मुखिया से लेकर पंचायत समिति सदस्‍य, सरपंच, पंच, वार्ड सदस्‍य सभी पद के प्रत्‍याशी निर्विरोध चुने गए हैं.

बीडीओ नवकुंज कुमार ने बताया कि सभी को एक साथ प्रमाणपत्र सौंपा जाएगा. इन सभी उम्मीदवारों के नामांकन के विरोध में किसी ने कोई भी नामांकन नहीं किया था. नामांकन वापसी की तिथि के बाद सभी निर्विरोध चुन लिए गए. मुखिया मंजू देवी के आवास पर सभी पंचायत के निर्विरोध उम्मीदवारों ने एक दूसरे को माला पहना कर अबीर-गुलाल लगाया.

जानकारों के अनुसार यह अनंत सिंह का प्रभाव था कि मंजू देवी के सामने किसी ने भी नामांकन करने की हिम्‍मत नहीं की. नामांकन की तिथि समाप्‍त होने के बाद सभी निर्विरोध चुने गए. बता दें कि अनंत सिंह के ऊपर कई अपराधिक मामले दर्ज हैं. फिलहाल वह पटना के बेउर जेल में बंद है. इसके बावजूद उनका दबदबा मोकामा में बरकरार है. यही वजह है कि पंचायत चुनाव में अनंत सिंह का हाथ जिसके ऊपर रहा वह बिना चुनाव लडे़ ही निर्वाचित हो गया.

टॅग्स :बिहारपटनाअनंत सिंहनीतीश कुमारआरजेडी
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