Bihar News: अकोला के रहने वाले बिहार कैडर के आईपीएस शिवदीप वामनराव लांडे ने दिया इस्तीफा, क्या लड़ेंगे विधानसभा चुनाव?
By एस पी सिन्हा | Updated: September 19, 2024 17:53 IST2024-09-19T14:41:02+5:302024-09-19T17:53:03+5:30
Bihar News: मैंने आज भारतीय पुलिस सर्विस (आईपीएस) से त्यागपत्र दिया है परन्तु मैं बिहार में ही रहूँगा और आगे भी बिहार मेरी कर्मभूमि रहेगी। जय हिन्द।

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पटनाः महाराष्ट्र के अकोला निवासी और बिहार कैडर के तेज तर्रार आईपीएस अधिकारी शिवदीप वामनराव लांडे ने गुरूवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राज्य में रहकर ही काम करने की बात कही है। इसकी जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए दी। गुरुवार दोपहर सोशल मीडिया पर वर्दी में तिरंगे को सलामी देते हुए तस्वीर शेयर करते हुए आईपीएस शिवदीप लांडे ने लिखा कि शिवदीप लांडे ने लिखा कि मेरे प्रिय बिहार, पिछले 18 वर्षो से सरकारी पद पर अपनी सेवा प्रदान करने के बाद आज मैंने इस पद से इस्तीफा दे दिया है। इन सभी वर्षों में मैंने बिहार को ख़ुद से और अपने परिवार से भी ऊपर माना है। उन्होंने आगे लिखा है कि अगर मेरे बतौर सरकारी सेवक के कार्यकाल में कोई त्रुटि हुई हो तो मैं उसके लिए क्षमाप्रार्थी हूँ।
मैंने आज भारतीय पुलिस सर्विस (आईपीएस) से त्यागपत्र दिया है परन्तु मैं बिहार में ही रहूँगा और आगे भी बिहार मेरी कर्मभूमि रहेगी। जय हिन्द। शिवदीप लांडे के इस्तीफा के बाद अब उनकी आगे की योजना पर चर्चा शुरू हो गई है। बता दें कि उन्होंने अपने करियर में कई अपराधियों को गिरफ्तार किया और सख्त कार्रवाई की।
हालांकि बीच में वे केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर महाराष्ट्र पुलिस में डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस- एंटी नारकोटिक्स सेल, क्राइम ब्रांच, मुंबई के रूप में सेवारत रहे। शिवदीप लांडे की शादी महाराष्ट्र के मंत्री विजय शिवतारे की बेटी ममता से 2 फरवरी 2014 को हुई। अब उनकी एक बेटी भी है। शिवदीप लांडे की बिहार में पहली नियुक्ति मुंगेर जिले के नसल प्रभावित जमालपुर में हुई थी।
पटना में अपने कार्यकाल के दौरान अपनी अनोखी कार्यशैली के कारण शिवदीप पूरे देश में प्रसिद्ध हो गये। पटना कार्यकाल के दौरान शिवदीप ने मनचलों को खूब सबक सिखाया। लांडे 2006 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे हैं। बिहार कैडर में रहने के दौरान उन्होंने बिहार के पटना, अररिया, रोहतास और मुंगेर जिलों में आरक्षी अधीक्षक के रूप में कार्य किया।
रोहतास कार्यकाल के दौरान लांडे ने खनन माफियाओं की नींद उड़ा दी थी। फिल्मी अंदाज में उन्होंने खुद जेसीबी चलाकर अवैध स्टोन क्रेशरों को नष्ट करना शुरू किया तो माफियाओं में हड़कंप मच गया। इस अभियान के बाद पुनः उनका तबादला कर दिया गया। लेकिन वे जहां भी रहते हैं, अपराध से समझौता नहीं करते हैं।


