पटनाः नए साल के जश्न के बीच राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को महागठबंधन के साथ आने का खुला ऑफर देकर बिहार का सियासी पारा बढ़ा दिया है। अब उनके बयान के कई सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं। लालू यादव के बयान के बाद दोनों तरफ से लगातार सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। लालू यादव के इस ऑफर को सिरे से खारिज करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि क्या बोल रहे हैं.. छोड़िये न और आगे बढ़ गए। वहीं लालू यादव के बयान पर जदयू की तरफ से कई तरह के बयान दिए जाने लगे हैं।
पटना एयरपोर्ट पर मीडियाकर्मियों द्वारा लालू प्रसाद के ऑफर पर वे भड़क गये और कहा कि "छोड़िए न लालू जी क्या बोलते हैं...लालू जी क्या नहीं बोलते हैं…ये लालू जी से जाकर पूछिए। उन्होंने कहा कि हम लोग एनडीए में हैं और मजबूती से हैं।" इस सवाल पर कि तेजस्वी यादव कह रह रहे हैं कि नए साल में नई सरकार बनाएंगे।
इस पर ललन सिंह ने कहा कि "छोड़िए न, कौन क्या बोलता है, उस पर हम प्रतिक्रिया देते रहें?" इधर, लालू प्रसाद के ऑफर पर नीतीश कैबिनेट के मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा कि राजनीति में कोई भी स्थाई दोस्त या दुश्मन नहीं होता। यह परिस्थिति पर निर्भर करता है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि हम एनडीए में बने रहेंगे।
एनडीए गठबंधन में कोई कठिनाई नहीं है। एनडीए गठबंधन इकठ्ठा है। एनडीए के सभी घटकों ने माना है कि वो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का साफ मतलब है कि अगले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार होंगे, तो हम लोगों को कहीं कोई कठिनाई नहीं है।
उन्होंने कहा कि नए राज्यपाल भी इसके लिए उदाहरण पेश करने का काम किया। वो पक्ष विपक्ष के यहां गए शपथ समारोह में पक्ष विपक्ष सभी शामिल हुए। राबड़ी देवी के यहां भी गए और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास भी गए। वहीं, मंत्री जमा खान ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ सब आना चाहते हैं।