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बिहार में नई सरकारः कांग्रेस के 19 में से 12 विधायकों ने पेश कर दी मंत्री पद की दावेदारी!, 15 अगस्त के बाद नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार

By एस पी सिन्हा | Updated: August 13, 2022 16:30 IST

बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नई महागठबंधन सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद के बीच कांग्रेस की प्रदेश इकाई के कई वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि सरकार में पार्टी की प्रभावी और सम्माजनक भागीदारी होनी चाहिए।

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ठळक मुद्देनौ अगस्त को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महागठबंधन का हिस्सा बन गए।नीतीश कुमार की अगुवाई वाली सरकार में राजद नेता तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री बने हैं।अगले कुछ दिनों के भीतर मंत्रिमंडल का विस्तार होगा।

पटनाः बिहार में महागठबंधन की नई सरकार में कांग्रेस की भूमिका की बात आते ही पार्टी के 19 में से 12 विधायकों ने प्रदेश अध्यक्ष से लेकर प्रभारी मंत्री तक अपनी दावेदारी पेश कर दी है। दरअसल, महागठबंधन सरकार में कांग्रेस के हिस्से में तीन से चार मंत्री पद जा सकता है।

कारण कि कांग्रेस के पास केवल 19 विधायक हैं। कांग्रेस के विधायकों ने मंत्री पद के लिए दावेदारी बिहार प्रभारी भक्त चरण दास, प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर मदन मोहन झा से लेकर आलाकमान तक पेश की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कह चुके हैं कि 15 अगस्त के बाद कभी भी मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। 

उधर, मुख्यमंत्री की इस घोषणा के साथ ही महागठबंधन के दूसरे सहयोगी अपने-अपने कोटे के मंत्रियों का नाम फाइनल करने में लग गए हैं। इसबीच कांग्रेस के जिन विधायकों ने दावेदारी पेश की है, उनमें राजापाकड़ से प्रतिमा दास तो बक्सर से मुन्ना तिवारी, करगहर से संजीव मिश्रा, खगड़िया से छत्रपति यादव, अररिया से अब्दुल रहमान के नाम प्रमुख तौर पर शामिल हैं।

इनके अलावा दो विधान पार्षद भी मंत्री पद की दौड़ में शामिल हो गए हैं। ऐसे में एक साथ लगभग एक दर्जन दावेदारों के खड़ा होने से पार्टी में असमंजस की स्थिति बन गई है। तेजस्वी यादव से मिलने के बाद कांग्रेस बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने लालू यादव से भी मुलाकात की है।

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में बनी महागठबंधन की सरकार में हिस्सेदारी को लेकर बातचीत हुई है और उसके मंत्रियों की संख्या सम्मानजनक होगी। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि नीतीश कुमार की नई सरकार में कैबिनेट में कौन-कौन चेहरे होंगे? इसको लेकर मंथन का दौर जारी है।

जदयू, राजद और कांग्रेस का मंथन लगातार चल रहा है कि किसे मंत्री बनाया जाए? वहीं, तेजस्वी यादव विधायकों की सूची लेकर लालू यादव के पास दिल्ली भी पहुंच चुके हैं। माना जा रहा है कि लालू यादव के द्वारा तय नामों को ही मंत्री बनाया जायेगा। लेकिन सबसे बड़ी समस्या कांग्रेस के सामने है, जहां मंत्री पद के दावेदारों की संख्या सबसे ज्यादा है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शकील अहमद की राय है कि सरकार में उनकी पार्टी के मंत्रियों की संख्या पांच तक होनी चाहिए, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सभी घटक दलों के नेता इस बारे में फैसला करेंगे। अहमद ने कहा, ‘‘हम कांग्रेस के नेता हैं, इसलिए चाहते हैं कि हमारी पार्टी को ज्यादा से ज्यादा मंत्री पद मिले। लेकिन जब पार्टियों के नेता बातचीत के लिए बैठते हैं तो कई बिंदुओं को देखकर फैसला होता है...हमें लगता है कि पांच मंत्री पद मिलने चाहिए, लेकिन यह घटक दलों के नेता तय करेंगे।’’

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