Bihar Nawada Fire: बिहार में नवादा जिले के मांझी टोला दलित बस्ती पर हुए हमले में दर्जनों झोपड़ियों को जलाने की घटना के बाद बिहार की सियासत गर्मा गई है। इस मामले को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। इस बीच हम के संयोजक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि इसकी वजह से यादव समाज ने लोगों को अपने पक्ष में करके घटना को अंजाम दिया है, जब पुलिस ने पकड़ा है तो 12 यादव लोग पकड़े गए हैं। इससे साबित क्या हो रहा है कि समूचे बिहार में यह अभियान चला रहे हैं।
मांझी ने कहा कि नवादा में मुसहर, चमार और दुसाध जाति के लोग वर्षों से एक जगह पर रहे हैं, लेकिन विरोधी जाति के लोग, खासकर यादव जाति के जो लोग हैं। वह जमीन कब्जा करने के लिए कुछ दुसाध जाति के लोगों को अपने साथ मिलाकर उन्हें आगे कर के इस घटना को अंजाम दिया है। पुलिस ने जब इस मामले में एक्शन लिया तो 12 लोग जो पकड़े गए हैं। वह सभी यादव जाति के लोग हैं।
उन्होंने कहा कि विरोधी दल के लोग खासकर के यादव समाज के लोग दो दुसाद जाति को आपस में लड़ा रहे हैं। जमीन पर कब्जा के लिए यादव समाज के लोग दलित नेता भेजते हैं। मांझी ने कहा कि बिहार में 70 प्रतिशत परमान पर्चा का जमीन है जो एक पार्टी विशेष के लोगों के कब्जे में है और कब्जा किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार उस पर ध्यान दे। वहीं, जीतन राम मांझी के इस बयान पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा कि जीतन राम मांझी भ्रमित कर रहे हैं। हम देखेंगे कौन समाज के लोग थे और ये घटना क्यों हुई है? उधर, बसपा प्रमुख मायावती ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करें। बता दें कि बिहार के नवादा जिले में जमीन विवाद को लेकर दबंगों ने दलित बस्ती में आग लगा दी थी। गांव के दर्जनों घर इस आग में जलकर खाक हो गए। इस मामले में पुलिस ने 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।