Bihar LS polls 2024: लोकसभा चुनाव के पहले बिहार प्रदेश कांग्रेस पार्टी में बेचैनी देखने को मिल रही है। महागठबंधन में कांग्रेस को सिर्फ 9 सीटें मिलने से कई नेताओं के सपने टूट चुके हैं। कांग्रेस के कई नेता टिकट की उम्मीद लगाए थे, लेकिन टिकट की उम्मीद टूट जाने के बाद कांग्रेस पार्टी में भगदड़ की स्थिति भी देखने को मिल रही है। प्रदेश कांग्रेस को झटका पर झटका लग रहा है। प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने रविवार को पार्टी छोड़ दी थी। अभी यह मामला ठंडा भी नही पड़ा था कि सोमवार की सुबह-सुबह प्रदेश प्रवक्ता असितनाथ तिवारी ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर कांग्रेस को एक और झटका दे दिया है। इस तरह लोकसभा चुनाव के ठीक पहले बिहार कांग्रेस में उठापटक जारी है। कहा जा रहा है कि ये सिलसिला आगे भी देखने को मिल सकता है।
बता दें कि कांग्रेस को पहले चरण के चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली। वहीं, दूसरे चरण में सबसे ज्यादा मिली हैं तो वहीं तीसरे चरण में एक भी सीट नहीं मिली है। पहले तो कांग्रेस में अपनी पार्टी को मर्ज करने वाले पप्पू यादव ने बागी तेवर दिखाकर कांग्रेस के लिए सर दर्द पैदा कर दिया है वहीं दूसरी तरफ नेताओं के द्वारा पार्टी से नाता तोड़े जाने से कांग्रेस की परेशानी बढ़ गई है।
पार्टी प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने आज कांग्रेस पार्टी छोड़ने की आधिकारिक तौर पर घोषणा की। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता के साथ प्रवक्ता के पद से भी इस्तीफा देते हैं। हालांकि इसके पीछे उन्होंने अपने बयान में साफ कर दिया है कि कोई वजह नहीं है। उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर यह फैसला लिया है।
उन्होंने महागठबंधन में सीट बंटवारे से पहले राजद अध्यक्ष लालू यादव द्वारा टिकट बांटे जाने का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि जब तक सीट बंटवारे की घोषणा नहीं होती है, तब तक किसी भी दल को अपने प्रत्याशी को सिंबल नहीं बांटना चाहिए। इससे जनता में गलत संदेश जाता है। अब उन्होंने कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया।
सूत्रों की मानें तो असितनाथ तिवारी बिहार कांग्रेस की कार्यशैली से नाखुश थे। वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र से संभावित उम्मीदवार के रूप में असितनाथ तिवारी का पैनल में नाम भी गया था, लेकिन बाद में प्रदेश कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति के कारण उनका नाम हटा दिया गया। इसके बाद से ही तिवारी नाखुश चल रहे थे।