Bihar LS polls 2024: राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के द्वारा माय समीकरण के साथ-साथ 'जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी' का नारा धरातल पर नही उतर पाया। बीएएपी (बाप) अर्थात बहुजन, अगड़ा, आधी आबादी और पुअर यानी गरीब का फार्मूला जमीन पर नही उतर पाया। राजद ने भी अपने हिस्से की 23 में से जिन 22 सीटों के लिए प्रत्याशियों की घोषणा की है, उसमें लालू यादव की दो बेटियों मीसा भारती और रोहिणी आचार्य का भी नाम शामिल है।
लेकिन लालू यादव अब खुद ही अपने नारे 'जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी' का पालन करते नहीं दिख रहे हैं। लोकसभा चुनाव में राजद की सूची में 14 फीसदी आबादी को 8 टिकट बांटी गईं तो जिसकी भागीदारी 17 फीसदी से ज्यादा है, उसको सिर्फ 2 सीटों पर निपटा दिया।
लालू यादव ने एमवाय समीकरण को साधते हुए 22 में से 8 यादव और 2 अल्पसंख्यकों को टिकट दिया है। जातीय सर्वे की रिपोर्ट के हिसाब से प्रदेश में 17.70 फीसदी अल्पसंख्यक हैं। संख्या के हिसाब इनकी आबादी 2 करोड़ 31 लाख 49 हजार 925 है। वहीं प्रदेश में यादवों की आबादी 14 फीसदी है।
'एमवाय' समीकरण को मिला दें तो ये आंकड़ा 31.70 फीसदी पहुंच गया है। इसी वोट बैंक की दम पर लालू यादव ने बिहार में लगभग 15 साल तक राज किया है। लेकिन लालू का यह मुद्दा बुरी तरह से फ्लॉप साबित हुआ है।