बिहार विधान परिषदः ए बेचारी तो ऐसे ही आईं, वह हटा तो बनाया, कोई मतलब है?, सीएम नीतीश कुमार ने एक बार फिर खोया अपना आपा, राबड़ी देवी पर निशाना
By एस पी सिन्हा | Updated: March 25, 2025 14:23 IST2025-03-25T14:22:32+5:302025-03-25T14:23:15+5:30
Bihar Legislative Council: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भड़कते हुए कहा कि यह सब बोगस है। इसका कोई मतलब नहीं है। ऐसा कहीं देखा है?

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पटनाः बिहार विधान परिषद में सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई राजद सदस्य हंगामा करने लगे और आरक्षण को नौवीं अनुसूची में डालने की मांग करते हुए वेल में पहुंच गए। राजद के विधान पार्षद हरे रंग की शर्ट पहन पहन कर सदन में पहुंचे और 65 फीसदी आरक्षण को 9वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हंगामा किया। इसका नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी कर रही थीं। हंगामा के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं खड़े हो गए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भड़कते हुए कहा कि यह सब बोगस है। इसका कोई मतलब नहीं है। ऐसा कहीं देखा है?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद विधान पार्षदों को टी-शर्ट ऊपर करने को कहा। इसके बाद टी-शर्ट पर लिखे बातों को पढ़ने लगे। उन्होंने कहा कि ऐसा तो कोई पार्टी नहीं, जिसने इस तरह का किया हो। इस दौरान राबड़ी देवी ने कहा कि केंद्र सरकार ने मुसलमान को कोई सौगात नहीं दी है, सिर्फ जुमला और हवा हवाई है।
वहीं आरक्षण को लेकर राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि आरक्षण लागू करने वाले नेताओं को गाली सुननी पड़ रही है। आरक्षण का जो हमारा अधिकार है उसे हम छोड़ेंगे नहीं। इस बीच राबड़ी देवी पर भड़कते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इसके हस्बैंड(पति) का है पार्टी, इसको क्या है? ए बेचारी तो ऐसा ही आ गई है। जब वह हटा तो इसको बनवा दिया। इसका कोई मतलब है?
यह तो ऐसे ही है। यह सब ऐसा ही क्या-क्या करते रहता है? कोई पार्टी में इस तरह से देखे हैं? इस पार्टी का यही हाल है। इसका क्या मतलब है? हरा टी शर्ट पहन कर आए हैं, हम यही पूछ रहे हैं। सब ऊपर वाला भी बैठा है, हम उसको भी कहेंगे कि देश भर में कहीं देखा है इस तरह का? ये लोग यही सब कर रहा है, जो शर्ट नहीं पहना है वह ऊपर से रख लिया है।
आगे में कुछ लिखवाये हुए है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यही राजद की संस्कृति है। इस दौरान राबड़ी देवी और नीतीश कुमार के बीच तीखी बहस हुई। बात बढ़ी तो उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने मोर्चा संभाला और कहा कि सरकार 65 फीसदी आरक्षण देने के लिए कृत संकल्पित है, लेकिन फिलहाल मामला न्यायालय में है।
इसी बीच सभापति अवधेश नारायण सिंह ने विपक्ष के सदस्यों को चेताया और हल्ला नहीं करने की बात कही। लेकिन हंगामा के बीच विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया। उसके बाद बिहार विधान परिषद कार्यवाही बिना विपक्ष के ही चलती रही। वहीं, राजद के विधान पार्षद बाहर आकर धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करते रहे। बता दें कि बिहार में आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से बढ़ाने का मामला अभी न्यायालय में लंबित है।