Bihar Legislative Council: तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव में निर्वाचित बंशीधर बृजवासी को शुक्रवार को बिहार विधान परिषद में शपथ दिलाई गई। विधान परिषद के सभापति के कक्ष में उन्होंने सदन की सदस्यता ग्रहण की। तिरहुत उपचुनाव में बंशीधर बृजवासी को 23,003 वोट मिले, जबकि दूसरे नंबर पर रहे जनसुराज के विनायक गौतम को 10,195 वोट मिले थे। उपचुनाव में राजद उम्मीदवार तीसरे और जदयू प्रत्याशी अभिषेक झा चौथे नंबर पर रहे। तिरहुत से विधान पार्षद रहे जदयू के देवेश चंद्र ठाकुर के लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद ये सीट खाली हुई थी।
पिछले कई दशकों से जदयू की सीट रही तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में इस बार बड़ा उलटफेर हुआ। एक शिक्षक नेता ने बड़े-बड़े सियासी दलों और उम्मीदवारों को मात दे दी। शिक्षा विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेशों पर आपत्ति जताने के कारण बंशीधर बृजवासी को निलंबित कर दिया गया था।
बंशीधर बृजवासी ने तब बिहार के शिक्षकों के हित में बड़े स्तर पर आवाज उठाई थी। इसका खामियाजा उन्हें अपनी नौकरी गंवाकर उठाना पड़ा। इसके बाद उन्होंने शिक्षकों के समर्थन से तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर ताल ठोका। चुनाव में बंशीधर बृजवासी ने इतिहास बनाते हुए जहां जीत हासिल की, वहीं जदयू उम्मीदवार चौथे नम्बर पर रहे।
बंशीधर बृजवासी की जीत के पीछे शिक्षकों का गुस्सा रंग लाना माना गया। केके पाठक के कई आदेशों से बिहार के शिक्षकों को भारी परेशानी हुई। बाद में उनके समय के जारी कई आदेश बदले भी गये। यहां तक कि शिक्षा विभाग से भी केके पाठक की विदाई हो गई।
नीतीश सरकार ने एस. सिद्धार्थ को विभाग का नया अपर मुख्य सचिव बनाया। हालांकि इस बीच तिरहुत स्नातक चुनाव में शिक्षकों ने अपने गुस्से के रूप में बंशीधर बृजवासी को जोरदार समर्थन देकर जीत दिलाई और नीतीश सरकार को सख्त संदेश भी दे दिया।