Bihar Legislative Assembly: बिहार विधानसभा की कार्यवाही दो दिनों की छुट्टी के बाद शुक्रवार को शुरू होते ही भाजपा विधायक जमकर हंगामा करने लगे। प्रश्नकाल जैसे ही शुरू हुआ नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने ऑनलाइन परीक्षा सेंटर की सेटिंग का सवाल उठाया।
उन्होंने कहा कि बिहार में कई विभागों में ऑनलाइन परीक्षा ली जा रही है, जहां बड़े स्तर पर खेल हो रहा है। विधानसभा समेत कई विभागों में पिछले कई सालों से बहाली की गई है। नेता प्रतिपक्ष ने विधानसभा भर्ती परीक्षा की जांच की मांग की है। विजय सिन्हा ने केंद्रीय एजेंसी से इस पूरे मामले की जांच कराने की मांग की।
ऐसे में सरकार उच्च स्तरीय जांच कराये। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने नेता प्रतिपक्ष के सवाल पर कहा कि आप अपनी बात रख दिए हैं। लिहाजा आप बैठें। लेकिन विपक्ष बैठने को तैयार नहीं। इसके बाद भाजपा सदस्य वेल में पहुंचक नारेबाजी करते हुए पोस्टर लहराने लगे। विधानसभा अध्यक्ष ने मार्शल को आदेश दिया कि आप सभी से पोस्टर ले लें।
थोड़ी देर तक वेल में रहने के बाद भाजपा सदस्य अपनी सीट पर वापस बैठे गए। आरोप लगाया गया है कि राज्य में करीब 20 सेंटर ऐसे हैं, जिनमें परीक्षा माफियाओं ने पैसा लगाया है। परीक्षा की तिथि घोषित होते ही माफिया सक्रिय हो जाते हैं और ऑनलाइन परीक्षा में बड़ा खेल करते हैं।
परीक्षा कराने वाली एजेंसी के स्टेट हेड अमित और मुजफ्फरपुर के एक परीक्षा केंद्र के मालिक सुधीर के बीच हुई बातचीत इसकी पुष्टि करती है। मजेदार बात तो यह कि परीक्षा का संचालन करने वाली एजेंसी उसी केंद्र पर परीक्षा कराती है, जो पैसे देती है। इसमें परीक्षा माफिया, परीक्षा का संचालन करने वाली एजेंसी का स्टेट हेड और ऑनलाइन परीक्षा केन्द्र के मालिक मिले होते हैं।
कहा जा रहा है कि स्टेट हेड कम से कम 2 लाख लेकर ऑनलाइन सेंटर बुक करता है। इसके बाद परीक्षा केन्द्र का मालिक और परीक्षा माफिया वैसे अभ्यर्थियों को लाभ पहुंचाते हैं, जो तयशुदा रकम चुकाते हैं। परीक्षा माफिया अधिकांश प्रतियोगी परीक्षाओं में 10 करोड़ से अधिक का खेल करता है। दानापुर एएसपी अभिनव धीमान ने कहा कि दानापुर और खगौल केस में ऑनलाइन सेंटर में फर्जीवाड़े की बात आई है। इनसे जुड़े माफियाओं का नेटवर्क खंगाला जा रहा है।