Bihar: लालू प्रसाद यादव ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए भरा पर्चा, 5 जुलाई को होगा आधिकारिक ऐलान, 28 वर्षों से हैं इस पद पर

By एस पी सिन्हा | Updated: June 23, 2025 17:33 IST2025-06-23T17:33:48+5:302025-06-23T17:33:48+5:30

सोमवार को राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने पार्टी कार्यालय पहुंचकर निर्वाचन पदाधिकारी रामचंद्र पूर्वे के समक्ष अध्यक्ष पद के लिए औपचारिक रूप से नामांकन दाखिल कर दिया।

Bihar: Lalu Prasad Yadav filed nomination for the post of national president of the party, official announcement will be made on July 5, has been in this position for 28 years | Bihar: लालू प्रसाद यादव ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए भरा पर्चा, 5 जुलाई को होगा आधिकारिक ऐलान, 28 वर्षों से हैं इस पद पर

Bihar: लालू प्रसाद यादव ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए भरा पर्चा, 5 जुलाई को होगा आधिकारिक ऐलान, 28 वर्षों से हैं इस पद पर

पटना: राष्ट्रीय जनता दल(राजद) में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने पर सोमवार को राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने पार्टी कार्यालय पहुंचकर निर्वाचन पदाधिकारी रामचंद्र पूर्वे के समक्ष अध्यक्ष पद के लिए औपचारिक रूप से नामांकन दाखिल कर दिया। इस मौके पर उनके साथ उनके छोटे बेटे और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव व पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी समेत पूरा लालू परिवार और पार्टी के कई नेतागण भी मौजूद रहे। 5 जुलाई को नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा की जाएगी। हालांकि यह तय है कि राजद के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष एक बार फिर लालू यादव बनेंगे। वह 13वीं बार राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेंगे। लालू यादव 28 वर्षों से लगातार इस पद पर आसीन हैं। 

उल्लेखनीय है कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजद में सांगठनिक चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। हाल ही में पूर्व मंत्री मंगनी लाल मंडल को राजद का निर्विरोध प्रदेश अध्यक्ष चुना गया है। वहीं, लालू यादव के नामांकन के बाद तेजस्वी यादव ने मीडिया से बातचीत करते हुए विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। 

उन्होंने कहा कि यह सिर्फ नामांकन नहीं है, यह हमारी विचारधारा की जीत का संकेत है। पार्टी एकजुट है और कार्यकर्ता उत्साहित हैं। आने वाले चुनाव में हमारी जीत तय है। तेजस्वी यादव ने एनडीए पर तंज कसते हुए कहा कि जनता अब जुमलों में नहीं आने वाली है। बिहार ने बदलाव का मन बना लिया है, और राजद एक बार फिर जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेगा। नीतीश कुमार ने पेंशन नहीं, टेंशन दिया है बिहार को। 

इस मौके पर राबड़ी देवी ने भी कहा कि लालू यादव का अनुभव और सोच पार्टी को मजबूती देगा। उन्होंने कहा कि लालू जी सिर्फ हमारे नेता नहीं हैं, वे गरीबों की आवाज हैं। पार्टी उनके नेतृत्व में नई ऊंचाइयों को छुएगी। राजद कार्यालय में कार्यकर्ताओं की भारी भिड़ देखने को मिली। 'लालू यादव जिंदाबाद' और 'तेजस्वी यादव आगे बढ़ो' जैसे नारों से कार्यालय गूंज उठा। नेता, पदाधिकारी और समर्थक पूरे जोश में नजर आए। राजद की ओर से किसी अन्य उम्मीदवार ने नामांकन नहीं किया है, इसलिए यह तय माना जा रहा है कि लालू यादव एक बार फिर निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेंगे। 

लालू यादव के नामांकन ने एक ओर जहां पार्टी को संगठित करने का संकेत दिया है, वहीं तेजस्वी और राबड़ी की मुखरता यह दर्शाती है कि राजद पूरी ताकत से चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार है। बता दें कि राजद में नेतृत्व को लेकर चल रही अटकलों पर पूर्ण विराम लग गया है। वहीं, इसको लेकर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय आलोक ने तंज कसते हुए कहा कि पार्टी की कमांड अभी भी छोटे नवीं के सितारे को नहीं देना चाहते, क्योंकि डर है कि दारा शिकोह और औरंगजेब वाला किस्सा घर में न हो जाए। 

अजय आलोक का यह बयान तेजस्वी यादव को राजद की कमान न सौंपने और लालू के नेतृत्व में बने रहने की स्थिति पर सवाल उठाता है। क्या यह लालू की मजबूरी है, रणनीति का हिस्सा या परिवार और पार्टी में बगावत का डर? क्या तेजस्वी को कमान सौंपने में कोई और राजनीतिक कारण है? यह सवाल बिहार की सियासत में 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले अहम हो गया है।

राजनीति के जानकारों की अगर मानें तो लालू यादव का अध्यक्ष बने रहना एक सोची-समझी रणनीति हो सकती है। वर्ष 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले राजद को अपने कोर वोट बैंक-यादव और मुस्लिम (एम-वाय)-को एकजुट रखने की जरूरत है। लालू यादव का नाम इस समुदाय के बीच अभी भी जादू की तरह काम करता है। 

तेजस्वी यादव को कमान सौंपने से पहले लालू शायद यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि पार्टी और गठबंधन (महागठबंधन) एक मजबूत स्थिति में हो। इसके अतिरिक्त लालू यादव का नेतृत्व एनडीए के ‘परिवारवाद’ के आरोपों का जवाब भी है। अगर तेजस्वी को अभी कमान दी जाती तो भाजपा इसे ‘वंशवाद’ का मुद्दा बनाकर हमला बोलती। 

बता दें कि वर्ष 1997 में लालू प्रसाद यादव ने जनता दल से अलग होकर राजद का गठन किया था और उसी समय वे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए थे। बीते 28 वर्षों में वह लगातार इस शीर्ष पद पर बने हुए हैं। जानकारों के अनुसार लालू यादव का राजद पर दबदबा बिहार की राजनीति में एक अनोखी मिसाल है। 

वर्ष 1997 में पार्टी की स्थापना से लेकर अब तक लालू इसके निर्विवाद नेता रहे हैं। लेकिन, 78 वर्ष की उम्र और कई बीमारियों-मधुमेह, हृदय रोग और किडनी की समस्याओं के बावजूद लालू का अध्यक्ष बने रहना कई सवाल खड़े करता है। राजद के राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि लालू की लोकप्रियता बिहार की राजनीति में बेजोड़ है।

Web Title: Bihar: Lalu Prasad Yadav filed nomination for the post of national president of the party, official announcement will be made on July 5, has been in this position for 28 years

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