भ्रष्टाचार साबित कर दें, अपना इस्तीफा देने को तैयार हूं?, केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के आरोप से आहत आईएएस देवेश सेहरा

By एस पी सिन्हा | Updated: January 8, 2025 17:01 IST2025-01-08T16:59:29+5:302025-01-08T17:01:25+5:30

मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा था कि कैसे विद्यालय के भवन निर्माण से लेकर बच्चों को मिलने वाले खाने में गड़बड़ी की जा रही है और इसके केंद्र में बिहार के समाज कल्याण विभाग के सचिव हैं, जिन्हें मोटा कमीशन पहुंचाया जाता है।

bihar ham chief vs ias Prove corruption am ready resign IAS Devesh Sehra hurt Union Minister Jitan Ram Manjhi's allegation | भ्रष्टाचार साबित कर दें, अपना इस्तीफा देने को तैयार हूं?, केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के आरोप से आहत आईएएस देवेश सेहरा

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Highlightsमेरा काम बोलता है, मुझे किसी प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है।मेरे काम पर उंगली उठाई तो मैं अपना इस्तीफा देने को तैयार हूं।नौ इंच की जगह तीन फीट पर रॉड लगाया जा रहा है।

पटनाः केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के द्वारा बिहार के पंचायती राज के साथ-साथ अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग के प्रधान सचिव देवेश सेहरा के खिलाफ कमीशनखोरी का आरोप लगाया है। देवेश सेहरा महाराष्ट्र के निवासी हैं और बिहार कैडर के वरिष्ठ अधिकारी हैं। वहीं  जीतन राम मांझी के द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद देवेश सेहरा आहत हुए हैं। मांझी के आरोपों से आहत देवेश सेहरा ने पलटवार करते हुए उन्हें ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह दस साल मंत्री रहे हैं। उन्होंने क्या काम  किया यह बताने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि वह दोनों खुद दस साल मंत्री रहे हैं। उनके समय में क्या काम हुआ और मेरे समय में क्या काम हो रहा है। यह किसी से छिपा नहीं हैं। मेरा काम बोलता है, मुझे किसी प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है।

बिहार की जनता में किसी एक ने भी मेरे काम पर उंगली उठाई तो मैं अपना इस्तीफा देने को तैयार हूं। दरअसल, केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने गया में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि कैसे विद्यालय के भवन निर्माण से लेकर बच्चों को मिलने वाले खाने में गड़बड़ी की जा रही है और इसके केंद्र में बिहार के समाज कल्याण विभाग के सचिव हैं, जिन्हें मोटा कमीशन पहुंचाया जाता है।

मांझी ने अपने लोकसभा क्षेत्र में त्रिलोकी चक में बन रहे आवासीय विद्यालय क संबंध में कहा कि यह घटिया स्तर का बनाया जा रहा है। यहां नौ इंच की जगह तीन फीट पर रॉड लगाया जा रहा है। निर्माण अगर ऐसे ही हुआ तो चार साल में यह भवन गिर जाएगा। हमारे प्रतिनिधि ने इसकी जांच के लिए लिखा, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।

उन्हें बच्चों के मरने का इंतजार है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग के प्रधान सचिव पटना में चार साल से बैठे हैं, जहां से वह सिर्फ कलम चलाते हैं। उन्हें फुर्सत नहीं है, यह सब देखने का। मेरा कहना है कि सेहरा साहब सिर्फ कुर्सी पर बैठे नहीं रहिए। पूरी तरह से कमीशन का खेल चल रहा है, जिसमें उनका भी हिस्सा होगा।

जब से वह विभाग के सचिव बने है, तब से भ्रष्टाचार का मामला बढ़ा है। बाराचट्टी में मनफड़ में भी बड़ी गड़बड़ी की जा रही है। यहां बने आवासीय विद्यालय में मास्टर जाते नहीं है। 500 बच्चों क्षमता वाले विद्यालय में सिर्फ 100 छात्र हैं, जबकि 400 लोगों का फर्जी हाजिरी बनाकर उनके खाने का पैसा हड़पा जा रहा है। ऐसी स्थिति मटिहानीग गोपालगंज, भागलपुर में भी है।

जिसके कमीशन का सारा पैसा देवेश सेहरा को जाता है। वह पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। बता दें कि देवेश सेहरा की छवि बिहार में एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी के रूप में रही है। वह जिस विभाग में भी रहे हैं, उसमें कई उल्लेखनीय काम करवाए हैं। बावजूद इसके जीतन राम मांझी के द्वारा आरोप लगाए जाने से वह काफी आहत हुए हैं।

Web Title: bihar ham chief vs ias Prove corruption am ready resign IAS Devesh Sehra hurt Union Minister Jitan Ram Manjhi's allegation

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