पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को मात देने का दावा करने वाली महागठबंधन के अंदर काफी खींचतान देखने को मिल रही है। शुरुआत में इसे अच्छा संकेत माना जा रहा था, लेकिन प्रत्याशियों की लिस्ट सामने आते ही गठबंधन के भीतर दरार साफ दिखने लगी है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि कभी एनडीए के खिलाफ चुनाव लड़ने की बातें कहने वाले सभी दल अब एक-दूसरे के खिलाफ ही तलवार लिए खड़े हैं। राजद, कांग्रेस और वाम दलों के बीच कई सीटों पर उम्मीदवारों के दो-दो नामांकन दाखिल होने से टकराव की स्थिति है। अब भी 13 सीटों पर सहमति नहीं बन पाई है।
कई सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवार आमने-सामने आ गए हैं। जिनमें सुल्तानगंज, कहलगांव जैसी कई सीटें शामिल हैं। राज्य के 243 विधानसभा सीटों पर महागठबंधन के कुल 256 उम्मीदवार मैदान में हैं। राजद ने 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारकर 100 सीटें सहयोगियों के लिए छोड़ दी। वहीं कांग्रेस ने भी अपने हिसाब से 61 सीटें चुन लीं।
भाकपा-माले के 20, भाकपा के 9, माकपा के 4 और वीआईपी पार्टी के 15 उम्मीदवार शामिल हैं। इनमें कई सीटों पर पार्टियां आमने-सामने हैं। राजद और कांग्रेस के बीच 5 सीटों- सिकंदरा, कहलगांव, सुल्तानगंज और नरकटियागंज पर टकराव है। वहीं वीआईपी और राजद के बीच चैनपुर और बाबूबरही सीट पर मतभेद है।
इसके अलावा कांग्रेस और भाकपा भी चार सीटों- बछवाड़ा, करगहर, बिहार शरीफ और राजापाकर पर आमने-सामने हैं। इस तरह सीट बंटवारे की इस रस्साकशी में महागठबंधन के घटक दल-एक दूसरे के खिलाफ खड़े हो गए हैं। इससे राजनीतिक गलियारे में अब उनका मजाक बनना शुरू हो गया है। महागठबंधन के भीतर की ये खींचतान अब सिरदर्द बनती दिख रही है।
कई सीटों पर एक ही गठबंधन के दो उम्मीदवारों के मैदान में उतरने से कार्यकर्ताओं में भ्रम की स्थिति है। इस बीच राजद नेत्री ऋतु जायसवाल का निर्दलीय चुनाव लड़ना भी पार्टी के लिए परेशानी खड़ी कर रहा है। उन्होंने खुलकर कहा है कि टिकट वितरण में कई ईमानदार नेताओं की उपेक्षा की गई है। पार्टी अंदरूनी मतभेदों को छिपाने में जुटी है, लेकिन उनके बागी रुख ने नया सियासी विमर्श खड़ा कर दिया है।
बता दें कि करगहर में भाकपा के महेंद्र गुप्ता बनाम कांग्रेस के संतोष मिश्रा आमने-सामने हैं। उसी तरह सुगौली में राजद के शशिभूषण सिंह बनाम वीआईपी के मनोज सहनी, बिहारशरीफ में भाकपा के शिव प्रकाश यादव बनाम कांग्रेस के ओमैर खान, राजापाकर में भाकपा के मोहित पासवान बनाम कांग्रेस की प्रतिमा दास, बछवाड़ा में भाकपा के अवधेश राय बनाम कांग्रेस के गरीब दास हैं
गौरा बौराम में राजद के अफजल अली बनाम कांग्रेस के संतोष सहनी, कहलगांव में राजद के रजनीश यादव बनाम कांग्रेस के प्रवीण कुशवाहा, सिकंदरा में राजद के उदय नारायण चौधरी बनाम कांग्रेस के विनोद चौधरी, वारिसलीगंज में राजद की अनिता देवी बनाम कांग्रेस के मंटन सिंह, वैशाली में राजद के अजय कुशवाहा बनाम कांग्रेस के संजीव कुमार हैं।
चैनपुर में वीआईपी के प्रदेश अध्यक्ष बालगोविंद बिंद बनाम कांग्रेस बृज किशोर बिंदु और झंझारपुर में भाकपा से राम नारायण यादव बनाम वीआईपी उम्मीदवार के बीच मुकाबले की स्थिति है। गौड़ाबौराम सीट से वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी के भाई संतोष सहनी मैदान में हैं। इसके बावजूद तेजस्वी यादव ने यहां से अफजल अली खान को उतार दिया।
राजद प्रत्याशी ने भी अपना नाम वापस नहीं लिया, इससे संतोष सहनी काफी नाराज बताए जा रहे हैं। उन्होंने निर्वाचन अधिकारियों पर भी केस करने की धमकी दी है। संतोष सहनी ने कहा कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की तरफ से पत्र जारी होने के बावजूद अधिकारियों ने राजद प्रत्याशी का नामांकन नहीं रद्द किया। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी रुपये लेकर काम कर रहे हैं।