पटनाः बिहार में गंगा नदी के रौद्र रूप अख्तियार करने से कई जिलों पर बाढ़ का गंभीर खतरा मंडराने लगा है। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को उफनती गंगा नदी का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने पटना से हेलीकॉप्टर द्वारा गंगा के किनारे वाले क्षेत्रों का निरिक्षण किया और स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। इस दौरान उनके साथ विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे। जल संसाधन विभाग बिहार के अनुसार शुक्रवार सुबह 8 बजे गंगा नदी का जलस्तर पटना में सभी प्रमुख जगहों पर खतरे के निशान से एक मीटर या उससे भी अधिक को पार हो चुका है। ऐसे में संभावित बाढ़ को लेकर बिहार सरकार की चिंता बढ़ गई है। दरअसल, गंगा में उफान आने के बाद राजधानी पटना समेत कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं।
कई गांवों में नदी का पानी घुसने के बाद हाहाकार मच गया है। पटना के साथ साथ राज्य के अन्य जिलों में हालात बेकाबू हो रहे हैं। मुंगेर में भी गंगा अपने रौद्र रूप में आ गई है। यहां जिला प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी कर दिया है। उधर, छपरा में भी बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं। बिहार और यूपी को जोड़ने वाले जयप्रभा सेतू का एप्रोच पथ पानी में बह गया है।
राज्य में छोटी-छोटी नदियों का जलस्तर भी तेजी से बढ़ा है, जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। संभावित बाढ़ को देखते हुए सरकार अलर्ट हो गई है और अधिकारियों को चौबीस घंटे हालात पर नजर बनाए रखने को कहा है। जल संसाधन विभाग बिहार के अनुसार शुक्रवार सुबह 8 बजे गंगा नदी का जलस्तर पटना के दीघाघाट में 51.52 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जबकि खतरे का लेवल 50.45 मीटर है।
वहीं गंगा जलस्तर बढ़ने से पटना, भोजपुर, आरा, छपरा, वैशाली, सारण, बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर, भागलपुर आदि क्षेत्रों में सैकड़ों गांव जलमग्न हो चुके हैं। यहां तक कि कई शहरों के निचले इलाके में गंगा का पानी प्रवेश करने से हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी है।
हजारों हेक्टेयर में लगी फसलें भी गंगा के पानी में बह गई हैं। कुछ जगहों पर बाढ़ का पानी हाईवे पर चढने या नजदीक आने से आवाजाही पर खतरा मंडराने लगा है। पिछले 48 घंटों के दौरान गंगा ने विकराल रूप धारण कर लिया है और तेजी से नए इलाकों को डुबाने लगी है। विभाग के अनुसार अगले 48 घंटों तक गंगा के जलस्तर में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।