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बिहारः 9 साल में 58 प्लॉट और दो प्रखंडों में 40 बीघा जमीन खरीदने का आरोप, पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी पर हमला, जदयू ने कारण बताओ नोटिस भेजा

By एस पी सिन्हा | Updated: August 6, 2022 15:18 IST

बिहारः आरसीपी सिंह को जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कारण बताओ नोटिस भेजा है. आरसीपी सिंह के खिलाफ कार्रवाई को लेकर एक बार फिर बिहार में माहौल गर्म हो गया है. 

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ठळक मुद्देसाल 2013-2022 तक अकूत संपत्ति अर्जित करने का आरोप है. आरसीपी सिंह को प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कारण बताओ नोटिस भेजा है.नालंदा जिले के दो प्रखंडों में खरीदी गई 40 बीघा जमीन भी शामिल है.

पटनाः बिहार में सत्ताधारी दल जदयू ने अपने ही कद्दावर नेता और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह पर भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप लगा दिया है. सिंह एक समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी माना जाता था. आरसीपी सिंह पर जदयू में रहते हुए अकूत संपत्ति बनाने का आरोप है.

 

सिंह पर साल 2013-2022 तक अकूत संपत्ति अर्जित करने का आरोप है. अब आरसीपी सिंह को प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कारण बताओ नोटिस भेजा है. आरसीपी सिंह के खिलाफ कार्रवाई को लेकर एक बार फिर बिहार में माहौल गर्म हो गया है. जदयू ने नेताओं ने आरसीपी सिंह पर 9 साल में 58 प्लॉट खरीदने का गंभीर आरोप लगाया है.

जिसमें नालंदा जिले के दो प्रखंडों में खरीदी गई 40 बीघा जमीन भी शामिल है. वहीं आरसीपी सिंह पर जमीन को दान में लेने का आरोप लगा है. इन संपत्तियों का चुनावी हलफनामे में जिक्र नहीं किया गया था. सबसे खास बात ये है कि आरसीपी सिंह की संपत्ति का ब्योरा जदयू के ही नेताओं ने जुटाया है. इसतरह से कहा जा रहा है कि जदयू की सेना अपने रामचंद्र की संपत्ति खोजो अभियान पर निकल गई है.

जदयू ने यहां तक आरोप लगाया है कि आरसीपी सिंह ने अपनी पत्नी के नाम में हेरफेर कर जमीन खरीदी है. सबूत के साथ यह बात सामने आई है कि आरसीपी सिंह और उनके परिवार ने 2013 से अब तक अकूत संपत्ति बनाई है. कुछ पत्नी के नाम तो कुछ दोनों बेटियों के नाम से हैं.

जदयू ने जो दस्तावेज जुटाए हैं, उसके मुताबिक 2013 से अब तक नालंदा जिले के सिर्फ दो प्रखंड अस्थावां और इस्लामपुर में करीब 40 बीघा जमीन खरीदी गई है. इसके अलावा कई और जिलों में भी संपत्ति बनाई गई है. आरसीपी सिंह की पत्नी (गिरजा सिंह) और दोनों बेटियों यानी लिपि सिंह एवं लता सिंह के नाम पर ज्यादातर जमीन है.

जदयू की रिपोर्ट के मुताबिक नालंदा जिले के इस्लामपुर (हिलसा) अंचल के सैफाबाद मौजा में 12 और केवाली अंचल में 12 प्लॉट खरीदे गए हैं. 2013 से 2016 के बीच में इसकी खरीदारी की गई है. ये प्लॉट आरसीपी सिंह की बेटी लिपि सिंह और लता सिंह के नाम पर है.

वहीं 28 अप्रैल 2014 को चरकावां (नीमचक बथानी, गया) के नरेश प्रसाद सिंह ने बेलधर बिगहा (छबीलापुर, नालंदा) के धर्मेंद्र कुमार को दान में जमीन दी. बाद में धर्मेंद्र कुमार ने यही जमीन लिपि सिंह और लता सिंह के नाम बेच दी है. जदयू के दस्तावेजों के अनुसार 4 सितंबर 2014 और 15 सितंबर 2014 को सिलाव के बिशेश्वर साव ने दो प्लॉट खरीदे.

इसे 18 सितंबर को लिपि सिंह और लता सिंह के नाम बेच दिया गया. ऐसे 2 और मामले हैं, जिसमें 6 दिन और 8 महीने में दूसरे से खरीदी गई जमीन को खरीदने वाले ने लता सिंह और लिपि सिंह को जमीन बेच दी गई. जदयू के 35 पन्नों में जमीन की खरीद और इससे जुडे दूसरे विवरण भी है.

वहीं, नालंदा जिले के इस्लामपुर (हिलसा) के अलावे अस्थावां (नालंदा) के शेरपुर मालती मौजा में भी आरसीपी सिंह ने 33 प्लॉट खरीदे हैं. इसमें चार प्लॉट 2011-2013 में लता सिंह और लिपि सिंह के नाम पर लिया है. पिता के रूप में आरसीपी सिंह का नाम है. बाकी 12 प्लॉट गिरजा सिंह और 18 प्लॉट लता सिंह के नाम पर खरीदे गए हैं.

वहीं महमदपुर में 2015 में एक प्लॉट गिरजा सिंह के नाम पर खरीदा गया. 2011 में 2, 2013 में 2, 2014 में 5, 2015 में 6, 2017 में 1, 2018 में 3, 2019 में 4, 2020 में 3, 2021 में 6 तथा 2022 में 2 प्लॉट खरीदे गए हैं. यह भी बात सामने आई है कि आरसीपी सिंह ने पत्नी के नाम के साथ भी हेरफर किया है.

चुनावी हलफनामा 2010 एवं 2016 में आरसीपी सिंह ने अपनी पत्नी का नाम गिरिजा सिंह दर्ज किया है. वहीं जमीन खरीदी गए केवाला में गिरजा सिंह लिखा गया है. उधर, जदयू के अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने आरसीपी सिंह को कारण बताओ नोटिस भेजकर अकूत संपत्तियों और अनियमितताओं पर जवाब मांगा है.

उमेश कुशवाहा के द्वारा भेजे गए पत्र सह नोटिस में पूछा गया है कि नालंदा जिला के दो साथियों का साक्ष्य के साथ परिवाद प्राप्त हुआ है. जिसमें यह उल्लेख है कि अब तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार आपके एवं आपके परिवार के नाम से वर्ष 2013 से 2022 तक अकूत अचल संपत्ति निबंधित की गई है. इसमें कई तरह की अनियमितताएं नजर आ रही हैं.

जदयू ने आरसीपी सिंह से पूछा कि आप इस बात से अवगत हैं कि नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस पर काम करते हैं और इतने लंबे सार्वजनिक जीवन के बावजूद नेता पर कभी कोई दाग नहीं लगा और ना उन्होंने कोई संपत्ति बनाई. इसलिए निर्देशानुसार पार्टी आपसे अपेक्षा करती है कि परिवाद के बिंदुओं पर बिंदुवार अपनी राय से पार्टी को तत्काल अवगत कराएं.

टॅग्स :नीतीश कुमारबिहारपटना
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