पटना: बिहार में किशनगंज जिले के बहादुरगंज विधानसभा सीट से कांग्रेस के चार बार विधायक रहे और हाल ही में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम सदस्यता ग्रहण करने वाले तौसीफ आलम के द्वारा डिब्रूगढ़-नई दिल्ली राजधानी ट्रेन रुकवा देने का मामला चर्चा का विषय बन गया है।
दरअसल, तौसीफ आलम शनिवार को डिब्रूगढ़-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस 12423 में किशनगंज से सवार हुए। ट्रेन अपनी रफ्तार में चल ही रही थी कि अचानक आधी रात को ड्राइवर ने ब्रेक लगा दी। ट्रेन के रूकते ही ड्राइवर भी परेशान हो गए। वहीं ट्रेन सुपरिटेंडेंट हक्का-बक्का रह गए और जीआरपी से लेकर आरपीएफ तक के होश उड़ गए।
उधर, आधी रात को ट्रेन जैसे ही रुकी उसमें सवार हजारों यात्रियों के होश उड़ गए। बताया जाता है कि तौसीफ आलम डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस के एच1 बोगी में सफर कर रहे थे। तौसीफ आलम को रेलवे की तरफ से अपर बर्थ मिला था। तौसीफ आलम को आधी रात के बाद बाथरूम जाने की तलब हुई।
इस दौरान उनको समझ में नहीं आया कि वह नीचे कैसे उतरें? तौसीफ आलम ने सीढ़ियों से उतरने के बजाए ट्रेन की जंजीर को ही पकडकर सीट से नीचे उतरने की कोशिश करने लगे। ऐसे में चेन पुलिंग होने से ट्रेन अचानक रुक गई। ट्रेन के साथ-साथ चल रहे आरपीएफ के जवान भागे-भागे एच-1 बोगी में उस जगह पुहंचे जहां चेन पुलिंग हुई।
जब आरपीएफ के जवान ने पूछा कि क्यों आपने जंजीर खींची? इस पर तौसीफ आलम ने कहा कि उन्होंने नीचे उतरने के लिए चेन का सहारा लिया। आरपीएफ के जवान ने जब उनसे परिचय पूछा तो उन्होंने अपना परिचय तौसीफ आलम कांग्रेस के पूर्व विधायक के रूप बताया।
वहीं, तौसीफ आलम की इस करतूत की वजह से ट्रेन कई मिनटों तक रुकी रही, क्योंकि चेन पुलिंग के बाद आरपीएफ और जीआरपी को कागजी कार्रवाई करनी पड़ती है।
इस वजह से ट्रेन सुपरिटेंडेंट वाई के राणा सहित आरपीएफ ने ज्वाइंट स्टेटमेंट लिखा, क्योंकि चेन पुलिंग को लेकर सख्त नियम है। ऐसे में रेलवे अब पूर्व विधायक तौसीफ आलम को लेकर असमंजस में है। हालांकि, तौसीफ के बयान से लगता है कि उनको इस बात की जानकारी नहीं थी लेकिन गलती तो हुई है।
ऐसे में तौसीफ आलम को बताना पड़ेगा कि चार बार के विधायक होने के बावजूद आपने यह गलती जानबूझकर चर्चा में आने के लिए की या फिर यह एक भूल थी?