लाइव न्यूज़ :

Bihar Elections: लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव क्या थामेंगे एनडीए का हाथ? सियासी गलियारे में अटकलों का बाजार गरम

By एस पी सिन्हा | Updated: November 11, 2025 15:51 IST

खुद तेजप्रताप ये लाइन कई बार बोल चुके हैं कि वे वहीं खड़े होंगे जहां “विकास” और “रोजगार” वाली राजनीति होगी, चाहे वो कोई भी सरकार या गुट हो। इसी बीच तेजप्रताप को भाजपा सांसद रवि किशन के साथ भी देखा गया।

Open in App

पटना: बिहार विधानसभा का चुनाव परिणाम आने में अब मात्र कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। ऐसे में सियासी गलियारे में कयासों का बाजार गर्म हो गया है। बिहार की सियासत में इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को लेकर है। अटकलें यह लगाई जाने लगी हैं कि वह एनडीए के साथ जा सकते हैं। खुद तेजप्रताप ये लाइन कई बार बोल चुके हैं कि वे वहीं खड़े होंगे जहां “विकास” और “रोजगार” वाली राजनीति होगी, चाहे वो कोई भी सरकार या गुट हो। इसी बीच तेजप्रताप को भाजपा सांसद रवि किशन के साथ भी देखा गया।

एनडीए नेताओं ने भी खुलकर तेजप्रताप के स्वागत की बात कही है। ऐसे में अब सवाल यही है कि अगर तेजप्रताप सच में एनडीए का दामन थाम लेंगे? इसके बाद समीकरण में किस तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे? इस बीच शनिवार की देर रात केंद्र सरकार ने तेजप्रताप यादव को वाय प्लस सुरक्षा दे दी। इससे कयासों का बाजार और तेज हो गया है। 

अगर तेज प्रताप एनडीए में शामिल होते हैं तो सबसे पहला बड़ा असर ये होगा कि एनडीए को यादव समाज तक पहुंचने का एक ठोस चेहरा मिल सकता है। बिहार में यादव वोट पर अबतक राजद का कब्जा माना जाता रहा है। ऐसे में तेजप्रताप अगर एनडीए के साथ जाते हैं तो यादव वोटों में बिखराव की संभावना व्यक्त की जा रही है। एनडीए यह कह सकता है कि “देखो यादव नेता भी हमारे साथ हैं। इसका असर राजद और महागठबंधन पर पड़ सकता है। 

दरअसल, राजद सिर्फ एक पार्टी नहीं बल्कि एक परिवार की पॉलिटिक्स भी माना जाती है। अगर उसी परिवार का बड़ा बेटा अलग खेमे में दिख जाए, तो ये महागठबंधन की एकजुटता और मजबूती पर सवाल खड़ा करता है। इसका असर जमीनी स्तर पर भी देखने को मिल सकता है। तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव के बीच टकराव पहले भी कई बार खुलकर सामने आ चुके हैं। 

ऐसे में तेजप्रताप यदि एनडीए का हिस्सा होते हैं तो यह लड़ाई और खुला होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। ये सिर्फ भाई-भाई का मसला नहीं रहेगा बल्कि सीधा दो अलग धुरी के नेताओं की लड़ाई बन जाएगी। इसके अलावा अगर चुनाव के बाद ऐसा सीन बना कि कोई भी गुट बहुत भारी बहुमत में नहीं है, तो ऐसे नेता (तेज प्रताप यादव) बहुत महत्व रखते हैं, क्योंकि वो सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।

टॅग्स :बिहार विधानसभा चुनाव 2025तेज प्रताप यादवएनडीए सरकार
Open in App

संबंधित खबरें

भारतबिहार विधानसभा के नए विधानसभा अध्यक्ष के लिए एनडीए की ओर से भाजपा विधायक डॉ. प्रेम कुमार ने दाखिल किया नामांकन

भारतकांग्रेस के 6 में से 4 विधायक जदयू के संपर्क में?, चिराग पासवान ने कहा-महागठबंधन के ‘कई विधायक’ संपर्क में, NDA में आने को आतुर?

भारतRJD के लिए जैसे गाने बने, वैसे गाने मत बना देना?, आखिर क्यों सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कलाकार साथियों से अपील की, वीडियो

भारतमीडिया से दूर तेजस्वी यादव?, 15 दिनों से सवाल जवाब देने से कन्नी काट रहे राजद विधायक

भारतबिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस जुटी संगठन को मजबूत करने में, बीपीसीसी के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश

भारत अधिक खबरें

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो के उड़ानों के रद्द होने पर राहुल गांधी ने किया रिएक्ट, बोले- "सरकार के एकाधिकार मॉडल का नतीजा"

भारतIndiGo Flights Cancelled: इंडिगो ने दिल्ली से सभी फ्लाइट्स आज रात तक की बंद, यात्रियों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी

भारतइंडिगो की 400 से ज्यादा उड़ानें आज हुई रद्द, यात्रियों के लिए मुश्किल हुआ हवाई सफर

भारतPutin Visit India: राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे का दूसरा दिन, राजघाट पर देंगे श्रद्धांजलि; जानें क्या है शेड्यूल