पटना:बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला लगातार जारी है। दरअसल, 'दामाद आयोग' को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के द्वारा दिए गए बयान के बाद हम पार्टी के संरक्षक एवं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया के ज़रिए पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि बेटे और दामाद दो तरह के होतें है… एक लायक, दूसरा नालायक। लायक बेटा अपने दम पर यूनिसेफ में नौकरी करते हुए पढ़ाई करता है, यूजीसी(नेट) पास करके पीएचडी करता है फिर बीपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा पास करके विश्वविद्यालय में शिक्षक बन जाता है।
उन्होंने आगे लिखा है कि नालायक बेटा 10वीं पास भी नहीं कर पाता, पिता की कृपा से क्रिकेट खेलता है और जब वहां भी फेल कर जाता है तो वही पिता उस नालायक बेटे को राजनीति में उतार देतें हैं और जबर्दस्ती उसे दल की कमान सौंप देतें हैं। मांझी ने इसी पोस्ट में आगे लिखा है कि वैसे ही लायक दामाद अपने समाज का पहला इंजीनियर होता है और कई चुनाव लड़ने, सामाजिक कार्य करने के बाद योग्यता के आधार पर उन्हें कोई ओहदा दिया जाता है। वहीं दूसरी ओर नालायक दामाद इंजीनियरिंग करने के बावजूद घर जमाई बनता है और रोजाना सास-ससुर-साले की गाली सुनने के बावजूद सांसद पत्नी का पर्स ढोए फिरता है।
उधर, मांझी के इस बयान के जवाब में लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने भी कड़ा जवाब दिया है। रोहिणी आचार्य ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से जवाब में लिखा है कि एक नालायक बेटा होटल में रंगरेलियां मनाते पकड़ा जाता है, मगर बेटे से भी बड़ा नालायक बाप अपनी कुर्सी की धौंस दिखाकर उसे बचाता है। एक दफा एक नालायक दामाद अपने ससुर का पीए बन जाता है और अधिकारियों को फोन कर वसूली करवाता है। इस ट्वीट के बाद से यह बहस और गहराती जा रही है। सोशल मीडिया पर समर्थकों के बीच भी तीखे कमेंट्स और प्रतिक्रियाएं देखी जा रही हैं।