पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार भी बाहुबलियों का दबदबा दिखने वाला है। बाहुबली एवं पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह और पूर्व विधायक अनंत सिंह जेल से बाहर आने के बाद चुनावी ताल ठोकने के लिए बेचैन दिख रहे हैं। जबकि राजद की ओर से कई बाहुबली मैदान में तल ठोकते नजर आ जाएंगे। इसमें जेल में बंद राजद के बाहुबली विधायक रीतलाल यादव का चुनाव लडना तय माना जा रहा है। ऐसे में बाहुबली रिटर्न्स की यादें ताजी हो जा सकती हैं। बाहुबलियों के द्वारा 90 की दशक की यादें ताजी कराई जा सकती हैं?
बता दें कि गत दो दिनों के भीतर दो बाहुबली नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मुलाकात की है। इसमें अनंत सिंह और आनंद मोहन शामिल हैं। मोकामा विधानसभा से बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी चुनाव जीती थीं। मगर 2020 के विधानसभा चुनाव में नीलम देवी राजद की उम्मीदवार थीं। लेकिन शक्ति परीक्षण के दौरान नीलम देवी ने पाला बदला और एनडीए की शरण में आ गईं।
इस बार अनंत सिंह खुद चुनाव लड़ना चाहते हैं। वे मोकामा से जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ने की दावेदारी पेश कर चुके हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आशीर्वाद ले चुके हैं। पूर्व सांसद आनंद मोहन अपनी पत्नी सांसद लवली आनंद और विधायक बेटे चेतन आनंद के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात किया था। उल्लेखनीय है कि कुछ ही दिन पहले एम्स विवाद में चेतन आनंद बुरी तरह घिर गए। इस मुलाकात को चुनावी माना जा रहा है।
अब कुछ माह में विधानसभा चुनाव होना है। इस वजह से चुनाव हेतु टिकट को लेकर इस मुलाकात के निहितार्थ माने जा रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि नीतीश कुमार अपनी पार्टी की जीत में बाहुबलियों को तरजीह दी जा सकती है। जबकि राजद के द्वारा भी बड़े पैमाने पर बाहुबलियों के फौज को मैदान में उतारना तय माना जा रहा है।