पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में मुस्लिम बहुल सीमांचल में ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी की साख दांव पर है। हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम की एंट्री से इस क्षेत्र में एनडीए और महागठबंधन के बीच की लड़ाई त्रिकोणीय हो गई है। इस बार ओवैसी ने बिहार की 20 सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे थे, जिनमें से 14 उम्मीदवार सीमांचल इलाके की सीटों पर हैं।
रुझानों के मुताबिक, ओवैसी की पार्टी तीन सीटों पर आगे चल रही है। वहीं, दो सीटों पर दूसरे नंबर पर है। ऐसे में यह प्रतीत हो रहा है कि सीमांचल में ओवैसी फैक्टर के चलते महागठबंधन का खेल बिगाड़ता नजर आ रहा है जबकि एनडीए को इसका लाभ मिलता फिलहाल दिखाई पड़ रहा है।
बता दें कि सीमांचल की 24 विधानसभा सीटों में से एनडीए को 11 सीटों पर बढ़त नजर आ रही है जबकि महागठबंधन महज पांच सीटों पर आगे चल रहा है। इसके अलावा आठ सीटें अन्य को मिल रही हैं, जिनमें से ओवैसी की पार्टी AIMIM तीन सीटों पर आगे है। ओवैसी की पार्टी अमौर और कोचाधामन सीट पर आगे चल रही है। हालांकि, कई सीटों पर ओवैसी भले ही जीतते नजर न आ रहे हों, लेकिन उनके प्रदर्शन से महागठबंधन का खेल जरूर बिगड़ता दिखाई दे रहा है।