पटना: बिहार विधानसभा चुनाव की डुगडुगी बजने से पहले एनडीए ने सीट बंटवारे और उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने की कवायद तेज कर दी है। रविवार को भाजपा के बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने पटना में जदयू नेता व केंद्रीय मंत्री ललन सिंह से मुलाकात की। इसके बाद वे केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के आवास पहुंचे, जहां उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और भाजपा के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े भी उनके साथ थे। तीनों नेताओं और मांझी के बीच यह बैठक बंद कमरे में हुई, जिसे एनडीए में सीट बंटवारे की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। वहीं, बैठक के बाद ललन सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में धर्मेंद्र प्रधान मेरे सहयोगी हैं। वह मुलाक़ात करने पहुंचे थे। सीट को लेकर कहा कि सब ठीक होगा। साथ ही एनडीए में एकता पर बोले कि ठीक ठाक ही नहीं पूरा पुख्ता है सीमेंटेड है।
सूत्रों के मुताबिक, प्रधान जल्द ही उपेंद्र कुशवाहा से भी मुलाकात करेंगे ताकि एनडीए के भीतर सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय हो सके। ललन सिंह से मुलाकात से पहले धर्मेंद्र प्रधान ने दो दिनों तक भाजपा की अंदरूनी चुनावी बैठकों में हिस्सा लिया, जहां उम्मीदवारों और मौजूदा विधायकों के प्रदर्शन पर गहन मंथन किया गया। जानकारी के अनुसार, पार्टी ने इस बार स्पष्ट कर दिया है कि टिकट उन्हीं नेताओं को मिलेगा जिनकी जनता के बीच पकड़ मजबूत है और जिनकी जीत की संभावना पक्की है। जिन विधायकों की ग्राउंड पर स्थिति कमजोर है या जिन पर एंटी-इनकंबेंसी का असर दिखाई दे रहा है, उनके टिकट कटने की संभावना बढ़ गई है।
शनिवार की देर रात भाजपा कार्यालय में हुई राज्य कार्यसमिति की महत्वपूर्ण बैठक में धर्मेंद्र प्रधान ने खुद समीक्षा प्रक्रिया की निगरानी की। इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय, सांसद रविशंकर प्रसाद और संगठन महामंत्री नागेंद्र नाथ त्रिपाठी, बिहार भाजपा प्रभारी विनोद तावडे समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। सूत्रों की मानें तो इस बैठक में करीब 60 सिटिंग सीटों पर रिपोर्ट तैयार की गई, जबकि बची हुई सीटों पर चर्चा होगी।
प्रत्येक सीट पर उम्मीदवारों का फीडबैक, संगठन की रिपोर्ट और जनता का रुझान देखकर तीन नामों का पैनल तैयार किया जा रहा है, जिसे जल्द ही केंद्रीय नेतृत्व को भेजा जाएगा। भाजपा की रणनीति के अनुसार, सीट शेयरिंग पर बातचीत के बाद एनडीए की साझा बैठक बुलाई जाएगी। इसमें जदयू, हम और आरएलएम जैसे सहयोगी दलों के बीच अंतिम फार्मूले पर मुहर लगाई जाएगी।
सूत्रों का कहना है कि धर्मेंद्र प्रधान का दौरा केवल समीक्षा नहीं बल्कि गठबंधन के समन्वय की बड़ी कवायद है। सूत्रों के अनुसार एनडीए के बीच बैठक में चर्चा का एक अन्य महत्वपूर्ण बिंदु यह रहा कि कौन-कौन से उम्मीदवार किस सीट से चुनाव लड़ेंगे। इसके साथ ही यह भी तय किया जाएगा कि किन सीटों पर सहयोगी दलों के उम्मीदवारों को मौका मिलेगा और किन सीटों पर भाजपा या जदयू अपने उम्मीदवार उतारेगी।
राजनीतिक जानकारों के अनुसार, यह बैठक बिहार में एनडीए की चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देने में अहम साबित होगी। सियासत के जानकारों का कहना है कि इस समय सीट बंटवारे की प्रक्रिया बेहद संवेदनशील है क्योंकि बिहार में चुनावी समीकरण लगातार बदल रहे हैं। भाजपा और जदयू दोनों ही दल यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि उनकी उम्मीदवार सूची चुनावी दृष्टि से मजबूत और जीतने योग्य हो।
ऐसे में यह हुई बैठक बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए की रणनीति को स्पष्ट करने और सभी सहयोगी दलों को संतुष्ट करने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। एनडीए की सीट बंटवारे की अंतिम रूपरेखा आने वाले दिनों में स्पष्ट हो जाएगी, जिसके बाद सभी दलों के उम्मीदवारों की सूची भी सामने आ सकती है। इस तरह, पटना में शुरू हुई यह बैठक बिहार में चुनावी हलचल को और तेज कर देगी और एनडीए के भीतर सीट बंटवारे पर अंतिम निर्णय का रास्ता साफ करेगी।