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बिहार के शिक्षा मंत्री और विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक में ठनी, मंत्री ने लिखा पत्र, जदयू-राजद आमने-सामने

By एस पी सिन्हा | Updated: July 5, 2023 15:20 IST

पत्र में सबसे पहले यह लिखा है कि पिछले कई दिनों से मंत्री, शिक्षा विभाग द्वारा यह महसूस किया जा रहा है कि विभाग मीडिया में नकारात्मक खबरों से अधिक चर्चा में रहा है। विभाग से संबंधित कोई भी पत्र/ संकल्प आदि विभागीय पदाधिकारियों/ मंत्री कोषांग में पहुंचने से पूर्व ही सोशल मीडिया/ यूट्यूब चैनलों तथा विभिन्न वॉट्सऐप ग्रुप में प्रेषित होने लगते है।

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ठळक मुद्देइस पत्र के जारी होने के बाद केके पाठक के समर्थन और विरोध में जदयू और राजद आमने-सामने आ गई है। जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि केके पाठक अच्छा काम कर रहे हैं।

पटनाः बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच तनातनी अब खुलकर सामने आ गई है। दरअसल, केके पाठक कार्यभार संभालने के बाद से लगातार एक्शन में है। विभाग में व्याप्त गड़बड़ियों को ठीक करने के लिए वे कड़े फैसले ले रहे हैं। स्कूल से गायब रहने वाले शिक्षकों के खिलाफ सख्ती के बाद विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। जिसको लेकर शिक्षा विभाग के मंत्री चंद्रशेखर ने पीत पत्र जारी किया है। तीन पन्नों के इस पत्र में शिक्षा मंत्री ने केके पाठक की जमकर खबर ली है।

इस पत्र के जारी होने के बाद केके पाठक के समर्थन और विरोध में जदयू और राजद आमने-सामने आ गई है। जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि केके पाठक अच्छा काम कर रहे हैं। शिक्षा विभाग में उन्होंने काफी सुधार किया है। इस पर राजद प्रवक्ता भाई वीरन्द्र ने कहा कि केके पाठक को होश में रहकर काम करना चाहिए। ऐसे अफसरों का कान पकड़कर बाहर निकालना चाहिए। वहीं, राजद विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने कहा है कि केके पाठक खुद को सुर्खियों में बने रहने के लिए निगेटिव काम करते हैं। उन्होंने शराबबंदी कानून में बिहार सरकार के करोड़ों रुपये खर्च कराए, लेकिन दारुबंदी बंद नहीं हो सकी। शिक्षकों के समर्थन में संगठन उनके साथ खड़ा है। केके पाठक गैर जिम्मेदाराना रवैया करना छोड़ दें...नहीं तो आंदोलन के लिए तैयार रहें।

उल्लेखनीय है कि शिक्षा मंत्री और अपर सचिव के बीच तनातनी चल रही है, जो अब खुलकर सामने आ गई है। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने अपर सचिव केके पाठक को पीत पत्र भिजवाया है। शिक्षा मंत्री के आप्त सचिव के एन यादव के हस्ताक्षर से जारी हुआ है। इसमें विभाग की गोपनीय पत्र के लीक होने, ज्ञान से अधिक चर्चा करने, विभाग में नट बोल्ट, जींस टीशर्ट, पैंट गीली करने, उखाड़ देने, फाड़ देने जैसे आपत्तिजनक शब्द इस्तेमाल करने की बात कही गई है। कहा है कि ऐसे काम से शिक्षा विभाग की बहुत बदनामी हो रही है, इस पर तुरंत रोक लगाइए। 

पत्र में सबसे पहले यह लिखा है कि पिछले कई दिनों से मंत्री, शिक्षा विभाग द्वारा यह महसूस किया जा रहा है कि विभाग मीडिया में नकारात्मक खबरों से अधिक चर्चा में रहा है। विभाग से संबंधित कोई भी पत्र/ संकल्प आदि विभागीय पदाधिकारियों/ मंत्री कोषांग में पहुंचने से पूर्व ही सोशल मीडिया/ यूट्यूब चैनलों तथा विभिन्न वॉट्सऐप ग्रुप में प्रेषित होने लगते है।

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