पटना: बिहार के पुलिस महानिदेशक(डीजीपी) राजविंदर सिंह भट्टी को केंद्र सरकार ने सीआईएसएफ का डीजी बनाने का आदेश जारी किया है। इसके बाद बिहार सरकार ने उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की अनुमति दे दी है। दिसंबर 2022 में बिहार के डीजीपी का कार्यभार संभालने वाले भट्टी की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति को लेकर पहले से ही चर्चा चल रही थी। केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी आर.एस. भट्टी को सीआईएसएफ का डीजी की जिम्मेवारी दी गयी है।
भट्टी 30 सितंबर 2025 तक इस पद पर बने रहेंगे। वहां उनका कार्यकाल 13 महीनों का होगा। आरएस भट्टी ने दिसंबर 2022 में बिहार के डीजीपी का कार्यभार संभाला था। उनकी छवि कड़क अधिकारी की मानी जाती रही है। लेकिन बिहार का डीजीपी बनने के बाद वे कोई कमाल नहीं दिखा पाये।
बिहार के कानून-व्यवस्था को लेकर लगातार सवाल उठते रहे। ऐसी लगातार घटनाएं होती रहीं, जिससे सरकार और पुलिस पर गंभीर सवाल उठते रहे। आखिरकार वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेज दिये गये। बिहार के इतिहास में संभवतः ये पहला वाकया है जब डीजीपी ने अपना पद छोड़ कर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने का फैसला लिया है। भट्टी का कार्यकाल अभी एक साल और बचा था। लेकिन बीच में ही उन्होंने सीआईएसएफ में जाने का फैसला ले लिया।
जानकारों की मानें तो सीआईएसएफ का डीजी ऐसा अहम पद नहीं होता जिसके लिए किसी राज्य का डीजीपी अपनी कुर्सी छोड़ दे। पुलिस मुख्यालय के सूत्रों की मानें तो डीजीपी के पद पर रहते हुए राजविंदर सिंह भट्टी दबाव में थे। वे पुलिस को ठीक करने के लिए फ्री हैंड चाहते थे। लेकिन पुलिस मुख्यालय से लेकर जिलों तक में ट्रांसफर पोस्टिंग में डीजीपी की नहीं चल रही थी।
एडीजी, आईजी, डीआईजी और एसपी ही नहीं बल्कि डीएसपी तक की पोस्टिंग मुख्यमंत्री आवास से की जा रही थी। ऐसे में भट्टी अपने मुताबिक काम नहीं कर पा रहे थे। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इन दिनों लगातार आरोप लगा रहे थे कि पुलिस में डीजीपी की चल नहीं रही है। चढावा लेकर ट्रांसफर पोस्टिंग की जा रही है। डीजीपी ने अपने पसंद के अधिकारियों की फील्ड में तैनाती की सूची तैयार की थी, लेकिन सरकार ने उसका नोटिस नहीं लिया। तेजस्वी यादव कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री के चमचे-बेलचे ट्रांसफर पोस्टिंग कर रहे हैं।