पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच कांग्रेस विधायक दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद का चेहरा कोई तात्कालिक निर्णय नहीं, बल्कि एक प्रक्रिया है और यह प्रक्रिया तय समय पर पूरी की जाएगी। उन्होंने तेजस्वी यादव के सीएम फेस से जुड़ी अटकलों पर चुप्पी साधे रखी। डॉ. खान ने कहा कि कुछ चीज बाद में तय होती है। ऐसा नहीं है कि मैं मुख्यमंत्री पद की बात कर रहा हूं, लेकिन हम लोग एकजुट हैं। हम लोग जनता के बीच जाएंगे। इस सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे।
उन्होंने दावा किया कि नीतीश कुमार के खिलाफ भाजपा की ओर से सियासी जाल बिछाने की तैयारी है। खान ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगते हुए कहा कि भाजपा नीतीश कुमार को परेशान कर रही है। उन्हें परेशान करके छोड़ी हुई है। आगे क्या होगा आप देखते जाइए। डॉ. खान ने कहा इसलिए नीतीश कुमार के प्रति हमारी हमेशा सहानुभूति है, लेकिन इस सरकार को उखाड़ के फेंकना है। हम लोग जनता के बीच जाएंगे। नीतीश कुमार के साथ कांग्रेस के हाथ मिलाने की सम्भावना से उन्होंने इंकार किया।
वहीं बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर उन्होंने बताया कि 24 अप्रैल को महागठबंधन को आर्डिनेशन कमेटी की प्रस्तावित बैठक से पहले ही 23 अप्रैल को पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में महागठबंधन के प्रमुख नेता शामिल होंगे और कई बड़े निर्णय लिए जाएंगे।
वहीं, चिराग पासवान के बिहार के मुख्यमंत्री बनने के संभावना पर उन्होंने कहा कि उनको हिम्मत है तो पहले अडानी और अंबानी के यहां जाकर अपने दलित महादलित को रिजर्वेशन दिलाए उसके बाद बात करें। दरअसल, चिराग ने पिछले दिनों बिहार में सेवा करने की बात कही थी। उनके इस बयान को बिहार में एनडीए के भीतर किसी बड़े खेले के रूप में देखा जा रहा है। अब डॉ. खान ने चिराग को आड़े हाथों लेते हुए उनसे सवाल किया कि वे दलितों को निजी क्षेत्र में आरक्षण के लिए क्यों नहीं आवाज उठाते?