पटनाः पटना हाई कोर्ट से नीतीश सरकार को जातीय जनगणना पर लगे बड़े झटके के बाद राजनीति गर्मा गई है। विपक्षी दल इसके लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार सरकार को दोषी बता रहे हैं। इसी कड़ी राष्ट्रीय लोक जनता दल (रालोजद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने गुरुवार को कहा है कि नीतीश कुमार को अब बिहार में कोई रुचि नहीं रह गई है।
वे सिर्फ दूसरे राज्यों में घूमने में व्यस्त हैं। उन्हीं की लापरवाही का नतीजा है कि इतने महत्वपूर्ण मामले पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दिया। कुशवाहा ने कहा कि सरकार के पास आंकड़ा नहीं है, यह सबको मालूम है। ऐसे में इस प्रकार के आंकड़े की जरूरत है। जातीय जनगणना पर चल रही कानूनी लड़ाई में राज्य सरकार को चाहिए था कि पूरी तैयारी के साथ मुकदमा लड़ती।
उन्होंने कहा कि सरकार के सुस्त रवैया और नॉन सीरियस होने का परिणाम है कि ऐसा फैसला आया है। कुशवाहा ने कहा कि बिहार में जातीय गणना की जरूरत पहले से महसूस की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट समेत दूसरे राज्यों के कोर्ट ने भी जातीय गणना पर समय समय पर आंकड़े नहीं होने की बात कही है और आंकड़ा देने के बाद ही इस तरह के विषयों पर कोई बात हो सकती है।
देश में 1931 के बाद कोई जनगणना नहीं हुई, ऐसे में आंकड़ों की जरूरत है। राज्य की नीतीश सरकार को चाहिए था कि पूरी तैयारी के साथ इस केस को लड़ती। उन्होंने कहा कि यह नीतीश सरकार की जवाबदेही थी वह कोर्ट को समझाती कि जातीय गणना का निर्णय संविधान के विरुद्ध नहीं है।
कुशवाहा ने मांग की कि सरकार अब तत्काल इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करे। काम में रुचि लेकर इसे नीतीश सरकार सफल बनाए ताकि फैसला बदला जा सके। उन्होंने कहा कि यह कोई पहला मामला नहीं है, जब सरकार की लापरवाही के कारण कोर्ट का ऐसा फैसला आया है।
इससे पहले भी कोर्ट के कई बार ऐसे फैसले आ चुके हैं, जिसमें नरसंहारों के मुजरिम तक बचते रहे हैं क्योंकि राज्य की सरकार ऐसे मामलों में लापरवाह हो जाती है। इसके लिए अगर कोई जिम्मेवार है तो वह बिहार की सरकार और खुद मुख्यमंत्री हैं।
नीतीश की विपक्षी एकता की मुहिम पर तंज करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री को दूसरे राज्यों में घूमने से फुर्सत नहीं है, अब उनको बिहार में कोई रुचि नहीं है। नीतीश कुमार ने सरकार के कामकाज में रुचि लेना छोड़ दिया है। खुद नीतीश कुमार बोलते रहते हैं कि अब उनका मन नहीं लग रहा है। अगर मन नहीं लगने वाला मुख्यमंत्री रहेगा तो यही स्थिति सामने आनी है।