Bihar Cabinet Expansion: भाजपा के 21 और जदयू के 13 मंत्री?, बड़े भाई की भूमिका में रहे नीतीश कुमार कैसे बने बीजेपी के छोटे भाई!, जानिए क्या है विधानसभा 2025 की तैयारी

By एस पी सिन्हा | Updated: February 27, 2025 16:12 IST2025-02-27T16:10:30+5:302025-02-27T16:12:06+5:30

Bihar Cabinet Expansion: विधायकों की संख्या के अनुपात में मंत्रियों की संख्या तय होगी तो भाजपा के 21 और जदयू के 13 मंत्री ही अधिकतम बन सकते थे।

Bihar Cabinet Expansion 21 ministers BJP 13 ministers JDU How did Nitish Kumar played role elder brother become younger brother BJP Know preparations Assembly 25 | Bihar Cabinet Expansion: भाजपा के 21 और जदयू के 13 मंत्री?, बड़े भाई की भूमिका में रहे नीतीश कुमार कैसे बने बीजेपी के छोटे भाई!, जानिए क्या है विधानसभा 2025 की तैयारी

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Highlights243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में जदयू के 45 विधायक हैं।भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 80 विधायक हैं। नए मंत्रियों के शामिल होने पर भाजपा के 21 मंत्री हो गए हैं।

Bihar Cabinet Expansion: बिहार में वर्ष 2005 से सत्ता की धुरी बने नीतीश कुमार चाहे एनडीए में हों या लालू यादव के साथ हमेशा ही बड़े भाई की भूमिका में रहे हैं। इन इन 20 वर्षों में उन्होंने अपने आगे किसी के एक नहीं चलने दी। लेकिन अब जदयू बिहार में भाजपा के सामने छोटे भाई की तरह हो गई है। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद बिहार कैबिनेट में अब भाजपा के 21 मंत्री हो गए हैं, जबकि जदयू से 13 मंत्री हैं। इसके अलावा जीतन राम मांझी की पार्टी 'हम' के एक मंत्री और निर्दलीय सुमित सिंह भी मंत्री हैं। बता दें कि 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में जदयू के 45 विधायक हैं।

जबकि भाजपा के 80 विधायक हैं। दोनों दलों ने पिछले वर्ष ही तय किया था कि प्रति 3 से 4 विधायक पर एक मंत्री बनाया जाएगा। इस आधार पर जदयू के 13 मंत्री हैं, जबकि सात नए मंत्रियों के शामिल होने पर भाजपा के अब 21 मंत्री हो गए हैं। चूकी यह पहले से तय था कि विधायकों की संख्या के अनुपात में मंत्रियों की संख्या तय होगी तो भाजपा के 21 और जदयू के 13 मंत्री ही अधिकतम बन सकते थे।

नीतीश कुमार के लंबे संघर्ष का परिणाम था कि फरवरी 2005 के चुनाव राजद बिहार की सत्ता से विदा हो पाई थी। अक्टूबर 2005 के चुनाव में 139 सीटों पर चुनाव लड़कर नीतीश कुमार की जदयू 88 सीटें जीतीं, जबकि राजद 175 सीटों पर चुनाव लड़ी और मात्र 54 सीटें जीत पाई। भाजपा भी राजद से आगे ही रही।

जदयू के साथ लड़ने वाली भाजपा 102 सीटों पर लड़ी और 55 सीटें जीती। वहीं, 2010 विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार का जलवा और ज्यादा देखने को मिला और एनडीए को 243 में से 206 (जदयू 115 और भाजपा 91) सीटें मिली थीं। उन दोनों चुनावों के दौरान नीतीश कुमार की जदयू बिहार में भाजपा के मुकाबले बड़े भाई की तरह रही।

हालांकि बाद में जदयू और भाजपा के रिश्तों में आए तकरार का बड़ा नुकसान नीतीश कुमार को उठाना पड़ा। राजद और जदयू ने 2015 में मिलकर चुनाव लड़ा लेकिन नीतीश की पार्टी सिर्फ 71 सीटों पर जीत पाई। इसी तरह वर्ष 2020 में एनडीए में होने के बाद भी जदयू से सिर्फ 43 विधायक ही जीत पाए।

ऐसे में इन वर्षों में नीतीश कुमार की पार्टी खुद-ब-खुद विधायकों के लिहाज से कमजोर होते गई और अब मंत्रिमंडल में भी भाजपा के मुकाबले छोटे भाई वाली भूमिका में आ गई है। इस वर्ष बिहार में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले हुए इस मंत्रिमंडल फेरबदल में आखिरकार नीतीश कुमार भाजपा के छोटे भाई की तरह बनने पर राजी हो गए। यह चर्चा का विषय बना हुआ है।

राजनीति के जानकारों की अगर मानें तो यह सब एनडीए में पिछले वर्ष हुए एक फार्मूले के कारण हुआ है। जनवरी 2024 में जब नीतीश कुमार ने महागठबंधन छोड़कर एनडीए संग सरकार बनाई थी, तब विधायकों की संख्या के आधार पर यह फार्मूला तय हुआ था। अब इसी फारमूला के आधार पर जदयू को बिहार में भाजपा के मुकाबले छोटा भाई बनने पर मजबूर कर दिया है। 

Web Title: Bihar Cabinet Expansion 21 ministers BJP 13 ministers JDU How did Nitish Kumar played role elder brother become younger brother BJP Know preparations Assembly 25

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