पटना: बिहार के भागलपुर में तातारपुर थाना क्षेत्र के काजवलीचक में गुरुवार आधी रात को हुए भीषण धमाके से शहर दहल उठा. धमाके के बाद अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है. एक दर्जन से ज्यादा लोगों का इलाज मायागंज अस्पताल में चल रहा है. उसमें कई की हालत गंभीर बनी हुई है. ऐसे में मरने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है.
बम निरोधक दस्ता और एफएसएल की टीम घटनास्थल पर पहुंचकर जांच कर रही है. काजवलीचक स्थित नवीन आतिशबाज के घर हुए भीषण धमाके में दो मंजिले मकान के परखचे उड़ गए. पूरा मकान जमींदोज हो गया. इस धमाके में चार घर के अलावा आसपास के कुछ और मकानों को भी नुकसान पहुंचा है.
पहले भी हुआ था 2008 में यहां धमाका
जिस जगह धमाका हुआ है, वहां वर्ष 2008 में भी इसी तरह का धमाका हुआ था. घटना में कई मकान ध्वस्त हो गए हैं. इस हादसे में एक गर्भवती महिला नन्दनी की मौत भी हुई है. मरने वालों में बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल थे.
रात में अचानक विस्फोट के बाद महेंद्र मंडल, गणेश मंडल, ओमप्रकाश मंडल व राजू मंडल के चार घर ध्वस्त हो गये. चारों गोतिया हैं और इनके घर में शीला देवी सहित दो दर्जन से ज्यादा लोग रहते थे. इनके घर के पीछे स्थित छह घर भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गये.
इनमें मो. यूसुफ, मो. खालीद, मो. मुदस्सिर सहित अन्य के घर शामिल हैं. घटना के दौरान आसपास के एक दर्जन मोहल्ले के 10 हजार घरों ने धमाके की आवाज सुनी और लोग दहशत में आ गए. धमाके की गूंज इतनी अधिक थी कि नींद में सोए लोग घरों से बाहर निकलने लगे. वहीं, घटना के बाद मौके पर डीआइजी, एसएसपी सहित सभी थानों की पुलिस पहुंच गई.
पटाखा बनाने के कारोबार से जुड़ा था परिवार
इस संबंध में जिलाधिकारी ने बताया कि विस्फोट की घटना हुई है. इसमें प्रथम दृष्टया पता चला है कि घर में रह रहा पूरा परिवार पटाखा बनाने के कारोबार से जुडा था. पटाखा बनाने में इस घर का उपयोग होता रहा है. पहले भी इस तरह की घटना हुई थी, यह जांच का विषय है.
वहीं, एसएसपी बाबू राम ने बताया कि प्रारंभिक जांच में बम बनाते समय धमाका होने की बात सामने आई है. उन्होंने बताया गया कि रात 11.35 बजे मोहल्ले में एक घर में धमाका हुआ. इस मकान में शीला देवी और लीला देवी रहती थी. दोनों गोतनी हैं. उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में बम बनाते समय धमाका होने की बात सामने आई है.
अभी तक जो जानकारी मिली है उसके अनुसार पीड़ित परिवारों में से एक परिवार पटाखा बनाने का काम करता था. जिसके घर में पहले भी विस्फोट की घटना हो चुकी है. उसी घर में विस्फोटक पदार्थ से विस्फोट होने की संभावना है. बम डिस्पोजल टीम तथा एफएसएल टीम के निरीक्षण के बाद स्थिति कुछ और स्पष्ट हो सकेगी. डीआईजी सुजीत कुमार का कहना है कि एफएसएल की टीम जांच कर रही है इसके बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि यह किस तरह का विस्फोट था.
साल 2008 में तीन लोगों की हुई थी धमाके में मौत
इसके पूर्व भी 14 साल पहले 2008 में भी भीषण विस्फोट हुआ था. उस धमाके में तीन लोगों की मौत हुई थी, जबकि कई लोग घायल भी हुए थे. तब भी कहा गया था कि धमाका पटाखा बनाने के लिए रखे गए बारूद और अन्य ज्वलनशील सामग्री के कारण हुआ. अब एक बार फिर से धमाके का कारण इसी तरह का पटाखा बनाना बताया जा रहा है.
पिछली घटना से कोई सबक न लेते हुए काजवलीचक में धड़ल्ले से चोरी छिपे पटाखा बनाने का काम चलता रहता है. धमाका जिस जगह हुआ वह काफी सघन बस्ती है. इसके बावजूद सुरक्षा इंतजामों की लापरवाही बरतते हुए बदस्तूर पटाखा बनाने का काम होते रहने को लेकर आम लोगों में काफी रोष है.