बिहार विधानसभा मानसून सत्रः कानून-व्यवस्था और मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर हंगामा, सरकार ने सदन पटल पर रखा अनुपूरक बजट
By एस पी सिन्हा | Updated: July 21, 2025 14:49 IST2025-07-21T14:46:51+5:302025-07-21T14:49:05+5:30
बिहार विधानसभा में सोमवार को मानसून सत्र के पहले दिन विपक्ष के सदस्यों ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर प्रदर्शन किया।

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पटनाः बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र की शुरुआत सोमवार से हुई। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी विधायकों ने बिहार में कानून-व्यवस्था के मुद्दे को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। विपक्षी विधायकों के हंगामे को देख विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव गुस्से में आ गए। उन्होंने हंगामा कर रहे विधायकों को जमकर फटकार लगाते हुए शांत रहने के लिए कहा। लेकिन,विपक्षी विधायक पोस्टर दिखाकर हंगामा करते रहे। वहीं, सदन की कार्यवाही शुरू होते ही वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने 2025-26 वित्तीय वर्ष में 57946 करोड़ रुपये का प्रथम अनुपूरक बजट सदन के पटल पर रखा। इसके बाद सदन में शोक प्रकाश हुआ और हाल के दिनों में दिवंगत लोगों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। इसको बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
विधानसभा के मॉनसून सत्र में हिस्सा लेने माले के विधायक काले कपड़े में पहुंचे थे। वहीं, सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के विधायक भी विरोध में उतरे। सदन के अंदर विधायकों ने प्रदेश में अपराध नियंत्रण समेत कई मुद्दों को उठाते हुए सरकार को घेरा। वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने विरोधी दल के विधायकों से शांत रहने की अपील की।
इसबीच विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने अपना संबोधन शुरू किया। लेकिन विपक्षी दलों के विधायकों की ओर से नारेबाजी नहीं रूकी। हो-हंगामे के बीच ही विधानसभा अध्यक्ष ने अपना संबोधन जारी रखा। इस दौरान विपक्ष के नारेबाजी शुरू होते देख मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन से निकल कर बाहर चले गए। विपक्ष के विधायक मुख्यमंत्री से अपराध के मामले पर जवाब मांग रहे थे।
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष को कड़ी चेतावनी दी। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष के बातों को ना सुनकर विपक्षी सदस्य हंगामा करते रहे, जिसे देखकर विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों को शांत रहने के लिए कहा। उन्होंने राजद विधायक भाई वीरेंद्र को भी फटकार लगाते हुए कहा कि बैठो, यही सब सीखे हो। वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने सत्यदेव राम को भी फटकार लगाया।
बावजूद इसके सदन में विपक्ष के लोगों का हंगामा जारी रहा। इससे पहले विपक्षी सदस्यों ने सदन के बाहर जोरदार हंगामा किया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और विधायक दल के नेता शकील अहमद खान समेत अन्य विधायक हाथों में बैनर पोस्टर लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते दिखे।
वामदल के विधायक विधानसभा परिसर में पोस्टर-बैनर लेकर आए थे जिसपर लिखा था, “चुनाव चोर गद्दी छोड़”। मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान का मुद्दा लेकर वामदलों के विधायकों ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। इसे अघोषित आपातकाल बताया। राजद विधायकों ने भी इसे मुद्दा बनाया और विरोध में पोस्टर वगैरह दिखाया। विधानसभा के गेट पर राजद-कांग्रेस व वाम दलों के विधायकों ने प्रदर्शन किया।
बता दें कि पांच दिनों तक चलने वाला सत्र आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए राजनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है। पांच दिनों के इस मॉनसून सत्र के दौरान सरकार अहम विधेयकों को सदन से पास कराएगी। उधर, विपक्ष ने राज्य में बढ़ते अपराध और विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और पूरे सत्र के दौरान सरकार को घेरने की कोशिश करेगा।