पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव के करीब 6 महीने शेष रह गए हैं तो अभी से राजनीतिक सरगर्मी के साथ बिहार में गहगहमी दिखने लगी है। बिहार में हिंदू धर्मगुरुओं के दौरों ने सियासी पारा को गर्म कर दिया है। हिंदुत्व के प्रतीक धार्मिक गुरुओं के बिहार दौरे को लेकर सियासत भी गर्म है। चुनाव से पहले सनातन की चर्चा पूरे राज्य में जोरों पर होने लगी है। एक तरफ पटना के गांधी मैदान में आध्यात्मिक गुरु और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर का भव्य सत्संग शुरू होगा। दूसरी तरफ गोपालगंज में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पांच दिवसीय कथा चल रही है।
वहीं, संघ प्रमुख मोहन भागवत बिहार की धरती पर हिंदुत्व की चमक बिखेर रहे हैं। बता दें कि बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों गोपालगंज में लोगों के बीच सनातन का अलख जगाने का प्रयास कर रहे हैं। पांच दिवसीय कथा में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हम यहां अपने लिए नहीं, देश के हिंदुओं को जगाने आए हैं।
हमारी कोई निजी लड़ाई नहीं है, हम इस दुनिया में रहने वाले 150 करोड़ हिंदुओं की लड़ाई लड़ रहे हैं। । उल्लेखनीय है कि बाबा बागेश्वर गोपालगंज के दौरे पर हैं जो परंपरागत रूप से लालू प्रसाद यादव का गढ़ कहा जाता रहा है। हालांकि, बीते चुनावों में इन क्षेत्रों में भाजपा और जदयू का दबदबा रहा है, लेकिन अभी भी गढ़ इसको राजद का ही कहा जाता है।
बाबा बागेश्वर वहां हिंदुत्व का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। उधर, संघ प्रमुख मोहन भागवत भी अपने पांच दिवसीय बिहार दौरे पर मुजफ्फरपुर में थे। सरसंघचालक मोहन भागवत मुजफ्फरपुर प्रवास के दौरान 7 मार्च को सुबह-सुबह आरडीएस कॉलेज मैदान में शाखा लगाया। संघ प्रमुख मोहन भागवत 5 मार्च की देर शाम में मुजफ्फरपुर पहुंचे थे और 6 मार्च को सुपौल गए थे, फिर सुपौल से देर शाम मुजफ्फरपुर लौट गये थे।
शनिवार को मोहन भागवत शाखा में शामिल हुए और एक बैठक कर स्वयंसेवक का मार्गदर्शन किया। 9 मार्च को नागपुर के लिए रवाना हो जाएंगे। इस बीच राजधानी पटना के गांधी मैदान में शुक्रवार से आध्यात्मिक गुरु और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर का भव्य सत्संग शुरू हुआ। इसमें राज्य के कोने-कोने से हजारों श्रद्धालु पहुंचे।
इस दौरान श्रद्धालुओं ने पहली बार उस प्राचीन शिवलिंग का दर्शन किया, जिसे महमूद गजनवी ने 1026 ईस्वी में खंडित किया था। श्री श्री रविशंकर ने बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी से पटना में मुलाकात की। ऐसे में यह कयास लगाए जाने लगे हैं कि इसका फायदा भी भाजपा और एनडीए की राजनीति को ही होगा।
ऐसे में विपक्षी महागठबंधन के नेताओं ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया है, जबकि भाजपा इसमें राजनीति नहीं देख रही है। वहीं, जदयू के रुख में भी बदलाव दिख रहा है। हालांकि, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बड़ी होशियारी से खुद इस मुद्दे को तूल नहीं देना चाहते हैं और बड़े ही फूंक-फूंक कर कदम उठा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह देश बाबा साहब के अंबेडकर के संविधान से चल रहा है और यहां किसी को भी कहीं आने-जाने की आजादी है। इससे हमें कोई मतलब नहीं। लेकिन, दूसरी ओर राजद के विधायक मुकेश रौशन ने बाबा बागेश्वर की गिरफ्तारी की मांग कर दी।
जबकि, दूसरी ओर बिहार में हिंदुत्व के प्रतीकों के जुटान से भाजपा और एनडीए खेमा गदगद है। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता तारकेश्वर प्रसाद ने कहा कि भाजपा और एनडीए की ताकत के बारे में उन्हें (विपक्ष) गलतफहमी है। भाजपा आज आम लोगों के कारण बिहार ही नहीं पूरे देश में अपनी राजनीतिक ताकत रखती है।