बिहार विधानसभा चुनावः 'बिहार में गुंडाराज', कारोबारियों पर कहर?, सियासी दलों के बीच डिजिटल वार
By एस पी सिन्हा | Updated: July 15, 2025 17:56 IST2025-07-15T17:55:21+5:302025-07-15T17:56:34+5:30
Bihar Assembly Elections: पोस्टर के चारों तरफ बिहार में हाल ही में हुए आठ हत्याकांडों का तारीख के साथ जिक्र किया गया है, जिसमें मृतकों की तस्वीर भी लगाई गई है।

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पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी दलों के बीच डिजिटल वार के साथ-साथ पोस्टर वार शुरू हो गया है। इसी कड़ी में राजधानी पटना की सड़कों पर 'बिहार में गुंडाराज' के पोस्टर लगाए गए हैं। इन पोस्टरों में राजधानी में हाल-फिलहाल में हुए आठ हत्याकांडों का जिक्र किया गया है। ये पोस्टर पटना के जेपी गोलंबर, इनकम टैक्स चौराहा, वीरचंद पटेल रोड, बोरिंग रोड चौराहा सहित अन्य स्थानों पर लगाए गए हैं। हालांकि, पोस्टर किसने लगाए गए हैं, इसका जिक्र इन पोस्टर में नहीं किया गया है। पोस्टर के बीच में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की तस्वीर है और लिखा गया है। पोस्टर के चारों तरफ बिहार में हाल ही में हुए आठ हत्याकांडों का तारीख के साथ जिक्र किया गया है, जिसमें मृतकों की तस्वीर भी लगाई गई है।
पोस्टर में सबसे पहले मशहूर उद्योगपति गोपाल खेमका की तस्वीर के साथ उनकी हत्या की तारीख लिखी हुई है। इसी तरह, व्यवसायी दीपक शाह, मार्ट के मालिक विक्रम झा, शिक्षक संतोष राय, और बालू कारोबारी रमाकांत यादव की हत्या का भी पोस्टर में जिक्र किया गया है। इसके अलावा, पोस्टर में कारोबारी पुट्टू खान और वकील जितेंद्र मेहता की भी हत्या का जिक्र किया गया है,
जिनकी 13 जुलाई को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके साथ ही एआई के सहारे महागठबंधन और एनडीए एक दूसरे का पोस्टर बनाकर आरोप-प्रत्यारोप साधे जा रहे हैं। अपने शासन काल में आइटी को आईटी-वाइटी क्या होता का जुमला कहने वाले राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव भी लगातार डिजिटल तरीके से एनडीए पर हमला बोल रहे हैं।
वहीं भाजपा ने पोस्टर के सहारे रोजगार और सामाजिक पेंशन के सहारे तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है। इस बीच लालू यादव के सोशल मीडिया हैंडल से एआइ आधारित उनके चेहरे से मिलती जुलती एक तस्वीर जारी की गई है। इसमें लालू यादव की तरह दिखने वाला व्यक्ति उनके ही आवाज में उनकी वैचारिक छवि को उभारते हुए कहता है,
जहां समानता और न्याय नहीं होता, वहां लोकतंत्र फल-फूल नहीं सकता। सत्ता पर नियंत्रण नहीं होता और न्याय कुछ चुनिंदा लोगों के लिए आरक्षित रहता है वीडियो में चरवाहा विद्यालय की चर्चा करते हुए लालू की छवि को गांव-गरीब, दलित-पिछड़ा समाज के मसीहा के तौर पर पेश किया गया है। इसमें लालू का चेहरा लिये तस्वीर बोलता है,
मैंने संदेश दिया मवेशी चराने वालों, मैला ढोने वालों, झाड़ू देने वालों, कपड़ा धोने वालों… पढ़ो-लिखो, यही तुम्हारा उद्धार करेगा। इधर, भाजपा ने पोस्टर जारी किया है जिसमें लालू यादव और राबड़ी देवी के अलावा तेजस्वी यादव के बीच आपसी संवाद दिखाया गया है। पहले पोस्टर में नवंबर 2025 की सूचना प्रश्नचिन्ह देते हुए सूचना टंगी है।
इसमें लिखा गया है कि राघोपुर से तेजस्वी चुनाव ….. इस पोस्टर में लालू और राबड़ी उदास चेहरे लिए तेजस्वी से कह रहे हैं, हम लोगों को 11 सौ रुपया पेंशन भी मिलता है, तुम क्या करोगे? दूसरे पोस्टर में एनडीए जॉब डेस्क दर्शाया गया है, जिसमें एक करोड़ नौकरी, मेडल लाओ -नौकरी पाओ और स्टार्टअप के बारे में जानकारी दी गई है।
तेजस्वी इसमें कह रहे हैं कि हमको तो डिग्री भी नहीं है, कैसे लाभ मिलेगा? तीसरे पोस्टर में नियोजन केंद्र का चित्रण किया गया है। इसमें मेडल लाओ-नौकरी पाओ की सूचना को लेकर युवाओं की कतार लगी है। इसमें तेजस्वी कतार में खड़े होकर कह रहे हैं कि हमारे पास तो डिग्री भी है।